उत्तराखंड की एक अदालत ने लकड़ी के अवैध व्यापार से जुड़े घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता शाहनवाज हुसैन को दी गई जमानत मंगलवार को रद्द कर दी। इस घोटाले के कारण राज्य कर विभाग को जीएसटी के रूप में 20 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।
विभाग ने रुद्रपुर के जिला एवं सत्र न्यायालय में हुसैन की जमानत को चुनौती देते हुए एक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। इसी अदालत ने पांच मार्च को हुसैन को जमानत दे दी थी।
उत्तराखंड सरकार के विशेष अधिवक्ता लक्ष्य कुमार सिंह ने अदालत को मुख्य आरोपी को जमानत पर रिहा करने के प्रतिकूल परिणामों से अवगत कराया कि इससे मामले की सुनवाई में बाधा आ सकती है। विस्तृत सुनवाई के बाद अदालत ने हुसैन को आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया।
यह मामला सुर्खियों में इसलिए आया क्योंकि पहली बार जीएसटी विभाग ने डिजिटल माध्यम से और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी का इस्तेमाल कर व्यापारियों के एक समूह को पकड़ा, जिन्होंने लकड़ी और उसके उत्पादों के अवैध व्यापार को कानूनी दिखाने के लिए फर्जी कंपनी बनाई और करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी की।