मुंबई की एक सत्र अदालत ने 2011 में चर्चित अभिनेत्री लैला खान और उनके परिवार के पांच अन्य सदस्यों की हत्या के मामले में आरोपी परवेज टाक को फांसी की सजा सुनाई है। सरकारी पक्ष ने इस दुर्लभ और खौफनाक हत्याकांड में आरोपी के लिए मौत की सजा की मांग की थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सचिन पवार ने परवेज टाक को हत्या और सबूत मिटाने के आरोप में दोषी करार दिया। फैसला 9 मई को सुनाया गया, जबकि सजा का ऐलान शुक्रवार को हुआ।
इस मामले की शुरुआत 2011 में हुई थी, जब लैला खान, उनकी मां सेलिना और उनके चार भाई-बहनों की हत्या कर दी गई थी। लैला के पिता नादिर पटेल ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, जिसके बाद पुलिस जांच में परवेज टाक पर शक हुआ। परवेज, लैला की मां सेलिना का तीसरा पति था और उसने इगतपुरी स्थित फार्महाउस में इन सभी की बेरहमी से हत्या कर दी थी।
हत्या के बाद, परवेज ने शवों को फार्महाउस के स्विमिंग पूल के गड्ढे में मिट्टी डालकर और गद्दों के नीचे छिपा दिया था। मामले का खुलासा तब हुआ जब ओशिवारा पुलिस स्टेशन में 4 जुलाई 2012 को मामला दर्ज हुआ और जांच अपराध शाखा की यूनिट 8 को सौंप दी गई। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दीपक फटांगरे की अगुवाई में जांच के दौरान परवेज को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में परवेज ने हत्या की बात कबूल की और पुलिस ने फार्महाउस से छह मानव कंकाल बरामद किए। अभियोजन पक्ष ने अदालत में 40 गवाहों से पूछताछ की और यह साबित किया कि परवेज ने संपत्ति विवाद और निजी कारणों से इन हत्याओं को अंजाम दिया। टाक ने लैला की मां सेलिना के पहले पति शेख को नापसंद करने और ईर्ष्या व लालच की वजह से इन हत्याओं को अंजाम दिया था।
इस सनसनीखेज हत्याकांड ने बॉलीवुड जगत समेत पूरे देश में सनसनी फैला दी थी। कोर्ट के इस फैसले ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया है और एक बार फिर से साबित किया है कि अपराधियों को उनके कृत्यों की सजा जरूर मिलती है।