राजकोट के टीआरपी गेमिंग जोन में लगी आग से 35 लोगों की मौत, मुख्य मालिक की पहचान डीएनए से हुई

गुजरात के राजकोट स्थित टीआरपी गेमिंग जोन में भीषण आग लगने से पूरे देश में सनसनी फैल गई है। इस आग ने 35 लोगों की जान ले ली, जिससे खुशियों का माहौल एक झटके में मातम में बदल गया। इस हादसे में मुख्य आरोपी और गेमिंग जोन के मालिकों में से एक प्रकाश हिरन की भी मौत हो चुकी है। डीएनए मिलान से उनकी पहचान की पुष्टि की गई है।

प्रकाश हिरन टीआरपी गेमिंग जोन को पांच अन्य पार्टनरों के साथ मिलकर चला रहे थे। हालांकि, उनकी हिस्सेदारी सबसे अधिक थी और सीसीटीवी फुटेज में आग लगने के समय वह घटनास्थल पर मौजूद दिखे। पुलिस ने इस मामले में अब तक छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

गुजरात पुलिस ने मंगलवार को टीआरपी गेमिंग जोन के एक और साझेदार धवल ठक्कर को राजस्थान के आबू रोड से गिरफ्तार किया। धवल ठक्कर ‘धवल कॉरपोरेशन’ के मालिक हैं और टीआरपी गेमिंग जोन को रेसवे एंटरप्राइजेज के अन्य साझेदारों के साथ मिलकर चला रहे थे। पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाणा ने बताया कि धवल ठक्कर को राजकोट और बनासकांठा पुलिस द्वारा संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया।

अदालत ने धवल ठक्कर को 10 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले, पुलिस ने रेसवे इंटरप्राइज के साझेदार युवराज सिंह सोलंकी, राहुल राठौड़ और गेमिंग जोन के प्रबंधक नितिन जैन को भी गिरफ्तार किया था। उन्हें राजकोट की अदालत ने 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। अभियोजन पक्ष ने बताया कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और गोल-मोल जवाब दे रहे हैं।

इस मामले में पुलिस ने छह लोगों- धवल ठक्कर, युवराज सिंह सोलंकी, राहुल राठौड़, अशोक सिंह जडेजा, किरीट सिंह जडेजा और प्रकाशचंद हिरन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 308, 337, 338 और धारा 114 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है और प्रत्येक मृतक के परिजन को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। केंद्र सरकार ने भी प्रत्येक मृतक के परिजन को दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

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