23 मई राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पिछले दो दशकों में लाखों हेक्टेयर वन क्षेत्र को हुए कथित नुकसान के संबंध में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव सहित सरकारी अधिकारियों से जवाब मांगा है।
एनजीटी ने भारतीय सर्वेक्षण के निदेशक से 2000 के बाद से एक रिपोर्ट भी मांगी है जो वन क्षेत्र की स्थिति दर्शाती हो और उसमें पूर्वोत्तर का खास संदर्भ हो।
अधिकरण उस मामले की सुनवाई कर रहा था, जिसकी कार्यवाही उसने अखबार में छपी खबर पर स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की थी। इस खबर में 2000 के बाद से राज्यों में 23.3 लाख हेक्टेयर वृक्षों के नुकसान का दावा किया गया था।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा, “लेख के अनुसार, वैश्विक वन निगरानी (जीएफडब्ल्यू) के आंकड़ों से पता चला है कि 2001 से 2023 के बीच हुए कुल वृक्ष आवरण हानि के 60 प्रतिशत के लिए पांच राज्य जिम्मेदार हैं।”
सोमवार को पारित एक आदेश में, एनजीटी ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव,भारतीय सर्वेक्षण विभाग के निदेशक और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव सहित सरकारी अधिकारियों को पक्ष या प्रतिवादी के रूप में शामिल किया और उन्हें नोटिस जारी किए।
मामले को आगे की कार्यवाही के लिए 28 अगस्त के लिए सूचीबद्ध किया गया है।