वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार नामांकन पत्र दाखिल किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर वाराणसी से चुनावी मैदान में हैं, और यह तीसरी बार है जब वह इस प्रतिष्ठित लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। 2014 में उन्होंने पहली बार वाराणसी से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। इसके बाद 2019 में भी उन्होंने इसी सीट से जीत दर्ज की और संसद पहुंचे। इस बार के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी का मुकाबला इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार अजय राय से होगा। वाराणसी में मतदान 1 जून को होगा और नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे।

मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस अवसर पर मौजूद थे। नामांकन दाखिल करने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने वहां एकत्रित भीड़ की ओर हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया।

नामांकन दाखिल करने के बाद प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “काशी के मेरे परिवारजनों का हृदय से आभार! वाराणसी से लगातार तीसरी बार नामांकन कर बेहद उत्साहित हूं। बीते 10 वर्षों में आप सबसे जो अद्भुत स्नेह और आशीर्वाद मिला है, उसने मुझे निरंतर सेवाभाव और पूरे संकल्प के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया है। आपके भरपूर समर्थन और सहभागिता से मैं अपने तीसरे टर्म में भी नई ऊर्जा-शक्ति के साथ यहां के चौतरफा विकास और जनता-जनार्दन के कल्याण में जुटा रहूंगा। जय बाबा विश्वनाथ!”

प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी के साथ अपनी विशेष संबंध को रेखांकित किया और बताया कि किस तरह से पिछले 10 वर्षों में उन्हें काशीवासियों से भरपूर स्नेह और आशीर्वाद मिला है। उन्होंने कहा कि यह समर्थन उन्हें निरंतर सेवाभाव से काम करने के लिए प्रेरित करता है और उन्हें विश्वास है कि इस बार भी वाराणसी की जनता उन्हें पूरा सहयोग देगी।

प्रधानमंत्री का वाराणसी से यह जुड़ाव और यहां की जनता के प्रति उनकी समर्पण भावना उनके राजनीतिक सफर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वाराणसी के विकास और यहां के लोगों के कल्याण के लिए उन्होंने जो प्रतिबद्धता दिखाई है, वह उनके संदेशों और कार्यों में स्पष्ट झलकती है। इस बार भी वह पूरी ऊर्जा और संकल्प के साथ वाराणसी की सेवा करने का वादा कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के नामांकन के दौरान वाराणसी में उत्साह और समर्थन का माहौल था, जो उनके प्रति लोगों के विश्वास और उनके नेतृत्व की स्वीकृति को दर्शाता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में यह समर्थन किस रूप में परिणाम देता है।

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