सरकार ने केंद्र से AFSPA हटाने की मांग की, हिंसा के बीच विरोध प्रदर्शन तेज

मणिपुरपीटीआई, इंफाल: मणिपुर सरकार ने राज्य के छह पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में लागू सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) की समीक्षा और इसे वापस लेने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया है। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।हाल ही में केंद्र सरकार ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में AFSPA को फिर से लागू किया था।

गृह मंत्रालय की 14 नवंबर की अधिसूचना के तहत इंफाल पश्चिम जिले के सेकमाई और लामसांग, इंफाल पूर्व के लामलाई, बिष्णुपुर के मोइरांग, कांगपोकपी के लीमाखोंग, और जिरीबाम जिले के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को AFSPA के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया गया है।

कर्फ्यू और विरोध प्रदर्शन

राज्य के मौजूदा हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। इम्फाल पश्चिम और इम्फाल पूर्व जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। यह कदम तब उठाया गया जब घाटी के जिलों में छह लोगों की हत्या के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने दो मंत्रियों और तीन विधायकों के आवासों पर धावा बोल दिया। कथित तौर पर इन शवों को जिरीबाम में दुष्कर्म के बाद बरामद किया गया था।

मंत्रिमंडल की सिफारिश

राज्य के गृह विभाग के संयुक्त सचिव द्वारा केंद्र को लिखे गए पत्र में कहा गया है, “मणिपुर मंत्रिमंडल ने 15 नवंबर को हुई बैठक में AFSPA की समीक्षा और इसे वापस लेने की सिफारिश करने का निर्णय लिया है।” पत्र में जनहित में 14 नवंबर की अधिसूचना को रद्द करने का अनुरोध किया गया है।क्या है AFSPA?AFSPA एक विशेष कानून है, जो सशस्त्र बलों को अशांत क्षेत्रों में सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए असीमित अधिकार देता है। इसके तहत सुरक्षाबलों को बिना वारंट के गिरफ्तारी करने, तलाशी लेने और जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग करने का अधिकार होता है। यह कानून सुरक्षा बलों को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में अधिक प्रभावी तरीके से काम करने के लिए सक्षम बनाता है, लेकिन इसके दुरुपयोग के आरोप भी समय-समय पर लगते रहे हैं।मणिपुर में AFSPA की वापसी और मौजूदा विरोध प्रदर्शन राज्य में कानून व्यवस्था को और जटिल बना रहे हैं। केंद्र सरकार के फैसले पर अब सभी की निगाहें टिकी हैं।

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