कब्जियत एक ऐसी समस्या है जो असंयमित आहार-विहार के कारण लगभग हर व्यक्ति को प्रभावित करती है। यह समस्या केवल असुविधाजनक ही नहीं, बल्कि अन्य बीमारियों का भी मूल कारण बन सकती है। यदि हम अपने आहार और जीवनशैली को सुसंयमित रखें, तो कब्जियत और इससे संबंधित बीमारियों से बचा जा सकता है।
प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से कब्ज का उपचार न केवल संभव है, बल्कि यह अन्य बीमारियों को भी दूर रखने में सहायक है। प्राकृतिक चिकित्सा हर प्राणी के लिए वरदान है। इस लेख में कब्ज से मुक्ति के लिए कुछ सरल और प्रभावी उपाय प्रस्तुत किए गए हैं।
कब्ज के उपचार के लिए सरल प्रयोग
पहला प्रयोग:
रात को रखा हुआ सवा लीटर पानी सुबह सूर्योदय से पहले खाली पेट पीने से कब्जियत दूर होती है और अन्य रोगों से भी सुरक्षा मिलती है।
दूसरा प्रयोग:
रात्रि में 2 से 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण का सेवन पानी के साथ करें। इसके अलावा, 3-4 तोला (40-50 ग्राम) मुनक्का (काली द्राक्ष) को ठंडे पानी में भिगोकर सुबह मसलकर और छानकर पीने से भी कब्ज दूर होती है।
तीसरा प्रयोग:
एक हरड़ खाएं या 2 से 5 ग्राम हरड़ चूर्ण को गर्म पानी के साथ लें।
शास्त्रों में कहा गया है:
“यस्य माता गृहेनास्ति तस्य माता हरीतकी। कदाचित्कुप्यते माता न चोदरस्था हरीतकी।।”
जिसके पास माँ नहीं है, उसकी माँ हरड़ है। पेट में गई हरड़ कभी कुपित नहीं होती।
चौथा प्रयोग:
गुडुच का लंबे समय तक सेवन करने से कब्ज के रोगी को लाभ होता है।
पाँचवाँ प्रयोग:
कड़ा मल होने और गुदाविकार की समस्या में जात्यादि तेल या मलहम को शौच के बाद गुदा पर लगाएं। साथ ही, पाचन सुधारने के लिए उचित आहार लें और छोटी हरड़ चबाकर खाएं।
छठा प्रयोग:
एक गिलास सादे पानी में एक नींबू का रस और 2-3 चम्मच शहद मिलाकर पीने से कब्जियत मिट जाती है।
सातवाँ प्रयोग:
एक चम्मच सौंफ का चूर्ण और 2-3 चम्मच गुलकंद दोपहर के भोजन के बाद लेने से कब्ज दूर होती है।
सावधानियाँ:
- कब्ज सभी रोगों की जड़ है, इसलिए पेट को हमेशा साफ रखें।
- रात में देर से भोजन न करें और खाने के बाद कम से कम दो घंटे तक न सोएं।
- मैदे से बनी वस्तुएँ और दही अधिक मात्रा में न खाएं।
- चोकरयुक्त आटे का सेवन करें।
- पका हुआ पपीता और भोजन के बाद छाछ का सेवन करें।
निष्कर्ष:
कब्ज से बचने और इसे ठीक करने के लिए संयमित आहार और प्राकृतिक चिकित्सा का पालन करें। इन उपायों को अपनाकर न केवल कब्जियत से मुक्ति पाई जा सकती है, बल्कि शरीर को स्वस्थ और रोगमुक्त भी रखा जा सकता है।