नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कुवैत अग्निकांड पर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और अधिकारियों को हरसंभव सहायता मुहैया कराने के निर्देश दिए। कुवैत के मंगाफ शहर में स्थित एक बहुमंजिला इमारत में भीषण आग लगने से भारतीय समेत कम से कम 49 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए।
समीक्षा बैठक और राहत कार्यों का निर्देश बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह को तत्काल कुवैत रवाना होने का निर्देश दिया ताकि वह राहत कार्यों की निगरानी कर सकें और मारे गए लोगों के शवों को शीघ्र वापस लाने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर सकें। प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतक भारतीय नागरिकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की।
उच्चस्तरीय बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति इस बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, उप विदेश मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव प्रमोद कुमार मिश्र, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश सचिव विनय क्वात्रा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
आग लगने की घटना और भारतीय दूतावास की पहल कुवैत के मंगाफ शहर की बहुमंजिला इमारत में बुधवार तड़के आग लग गई, जिसमें विदेशी कर्मचारी रहते थे। अधिकतर लोगों की मौत सोते समय धुएं के कारण दम घुटने से हुई। बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। कुवैत में भारतीय दूतावास ने एक आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किया है और हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।
कुवैत में भारतीय समुदाय का योगदान कुवैत की कुल जनसंख्या में भारतीय 21 प्रतिशत (10 लाख) और कार्यबल में 30 प्रतिशत (लगभग 9 लाख) हैं। इस हादसे ने भारतीय समुदाय में शोक की लहर दौड़ा दी है और सरकार ने त्वरित राहत और सहायता प्रदान करने के लिए कदम उठाए हैं।
इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह कुवैत के लिए रवाना हुए, जहां वे घायल लोगों की सहायता और मृतकों के शवों को वापस लाने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय करेंगे। कुवैत अग्निकांड ने वैश्विक स्तर पर भारतीय समुदाय की सुरक्षा और कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित किया है।
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