नोएडा और दिल्ली के मौसम में बड़ा अंतर, आखिर क्यों?

नोएडा: पिछले दिन नोएडा में दिल्ली से ज्यादा बारिश दर्ज की गई, जबकि दिल्ली के आजादपुर में केवल हल्की बूंदाबांदी हुई। हालांकि, दोनों शहर एक-दूसरे से सटे हुए हैं, फिर भी मौसम के रंग बिलकुल अलग दिखाई दिए।

दिल्ली में गर्मी के नए रिकॉर्ड

दिल्ली के मंगेशपुर में तापमान 53 डिग्री के करीब पहुंच गया। बुधवार को दिल्ली में भीषण गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। मुंगेशपुर में अधिकतम तापमान 52.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि, शाम होते-होते बारिश ने मौसम को सुहावना बना दिया।

भीषण गर्मी और बारिश के बीच उलझन

उत्तर भारत के कई हिस्से पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी की चपेट में हैं, लेकिन कल की बारिश ने थोड़ी राहत दी है। नोएडा में बारिश के बावजूद, दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में तापमान में बड़ा अंतर देखा गया। मंगेशपुर, नरेला और नजफगढ़ में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। वहीं सफदरजंग में 45.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मुंगेशपुर से चार डिग्री कम था।

भौगोलिक स्थिति और स्थानीय कारक

विशेषज्ञों के अनुसार, एक ही शहर में तापमान के इस अंतर का कारण भौगोलिक स्थिति और स्थानीय कारक हैं। मुंगेशपुर और नरेला में राजस्थान से आने वाली गर्म हवाओं का असर ज्यादा होता है। सफदरजंग और लोधी रोड जैसे क्षेत्रों में ज्यादा हरियाली होने के कारण ये पश्चिमी हिस्सों जितने गर्म नहीं हैं।

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

एक ही शहर के मौसम में आ रहे बदलाव को जलवायु परिवर्तन से जोड़ा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जीवाश्म ईंधन के जलने और मानवीय हस्तक्षेप से हीटवेव्स अधिक गर्म हो रही हैं। आईआईटी भुवनेश्वर के डॉ. वी. विनोज के अनुसार, दिल्ली के तापमान में 30-35% का परिवर्तन शहरीकरण के कारण हो रहा है। क्लाइमेट ट्रेंड्स की निदेशक आरती खोसला ने कहा कि तापमान में इस तरह के बदलावों का मानव स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था और आजीविका पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।

निष्कर्ष

दिल्ली-एनसीआर में तापमान के भिन्न-भिन्न रंग देखने को मिल रहे हैं। भौगोलिक स्थिति, स्थानीय कारक और जलवायु परिवर्तन इसके प्रमुख कारण हैं। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए सख्त कदम उठाए जाएं।

Share This:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *