पुणे, 18 मई – महाराष्ट्र के पुणे में 18 मई की रात को हुए पोर्शे हिट एंड रन केस ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। इस मामले में 17 वर्षीय नाबालिग आरोपी ने अपनी 12वीं की परीक्षा पास करने की खुशी में पब में 48 हजार रुपये की शराब पी। नशे की हालत में उसने पोर्शे कार चलाई और 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दो बाइक सवारों को कुचल दिया। इस घटना में आईटी इंजीनियर अश्विनी और अनीश की दर्दनाक मौत हो गई।
नाबालिग आरोपी की गिरफ्तारी और जमानत
घटना के बाद, स्थानीय लोगों ने आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपी की रसूख के कारण मामला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया, जहां उसे महज 15 घंटे के अंदर जमानत मिल गई। आरोपी की उम्र 17 साल होने के कारण मामला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में ही चला।
वकीलों की दलीलें और जमानत की शर्तें
नाबालिग के वकीलों ने जमानत के लिए तर्क दिया कि उसे गलत तरीके से फंसाया गया है और वह न तो सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेगा और न ही अदालत के अधिकार क्षेत्र से भागने की कोशिश करेगा। वकीलों ने यह भी कहा कि आरोपी अपने ऊपर लगाई गई शर्तों का पालन करने के लिए सॉल्वेंट श्योरिटी देने को तैयार है।
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग को जमानत देने के लिए निम्नलिखित 7 शर्तें रखीं:
- आरटीओ का दौरा:
- नाबालिग को आरटीओ (रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस) का दौरा करना होगा और ट्रैफिक के सभी नियमों को समझना होगा।
- इस पर एक प्रेजेंटेशन तैयार करनी होगी और 15 दिन के अंदर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को सौंपनी होगी।
- दो बॉन्ड भरना:
- नाबालिग को 7500 रुपये के दो बॉन्ड भरने होंगे। एक पर्सनल बॉन्ड और दूसरा श्योरिटी बॉन्ड।
- नशा मुक्ति केंद्र में रिहैबिलिटेशन:
- आरोपी को किसी नशा मुक्ति केंद्र में जाकर रिहैबिलिटेशन लेना होगा।
- मानसिक जांच और इलाज:
- नाबालिग को मानसिक जांच और इलाज करवाना होगा।
- 300 शब्दों का निबंध:
- आरोपी को सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव और उनके समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा।
- दुर्घटना में पीड़ितों की मदद:
- भविष्य में अगर आरोपी किसी सड़क दुर्घटना को देखता है, तो उसे पीड़ितों की मदद करनी होगी।
- बुरी संगति से दूर रखने की जिम्मेदारी:
- आरोपी के माता-पिता को निर्देश दिया गया है कि वे जरूरत पड़ने पर उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश करें और बच्चे को ‘बुरी संगति’ से दूर रखें।
जमानत की प्रक्रिया और दादा का बयान
जमानत की प्रक्रिया के दौरान, नाबालिग के दादा सुरेंद्र अग्रवाल, जिनके अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन से संबंध होने की जानकारी सामने आई है, ने भी गारंटी ली कि उनका पोता सुधर जाएगा। उन्होंने कहा कि लड़के को वोकेशनल कोर्स में फोकस करना चाहिए, जो उसके करियर के लिए अच्छा रहेगा। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने अपने फैसले में कहा, “लड़के को जमानत देना उचित और न्यायसंगत है।”
मामले में अब तक की गिरफ्तारियां
इस मामले में पुलिस ने आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। एफआईआर के मुताबिक, नाबालिग के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। यह जानने के बावजूद उसके पिता ने उसे कार ड्राइव करने को दी थी। पुलिस के अनुसार, बिल्डर को पता था कि उनका बेटा शराब पीता है, फिर भी उन्होंने उसे पार्टी में शामिल होने की इजाजत दी। अन्य गिरफ्तार लोगों में कोजी रेस्टोरेंट के मालिक का बेटा नमन प्रह्लाद भूतड़ा, उसका मैनेजर सचिन काटकर, ब्लैक क्लब होटल के मैनेजर संदीप सांगले और स्टाफ सदस्य जयेश बोनकर शामिल हैं।
मृतकों के परिवारों का बयान
अश्विनी और अनीश के परिवारों ने इस घटना को हादसा नहीं बल्कि हत्या करार दिया है। चश्मदीदों के अनुसार, नाबालिग आरोपी शराब के नशे में करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कार चला रहा था। कार ने बाइक सवारों को पीछे से टक्कर मारी, जिससे वे 20 फीट ऊपर उछल गए थे। एक्सीडेंट के तुरंत बाद, स्थानीय लोगों ने आरोपी को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया।
पुलिस की अपील और भविष्य की कार्यवाही
जघन्य अपराध को देखते हुए, पुणे पुलिस अब नाबालिग आरोपी पर बालिग आरोपी की तरह केस चलाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए उन्होंने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में अपील की है। इस अपील के परिणामस्वरूप, मामले की सुनवाई और आगे की कार्यवाही पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
यह मामला कानून व्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने पर गंभीर सवाल खड़े करता है। न्यायिक प्रक्रिया और पुलिस की कार्यवाही में पारदर्शिता और सख्ती की आवश्यकता स्पष्ट रूप से सामने आई है।