पिछले एक साल से मणिपुर हिंसा की चपेट में
मणिपुर में हिंसा की घटनाएं एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। पिछले एक साल से लगातार हिंसा की खबरें इस राज्य से आ रही हैं, जो बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। आपको याद होगा, पिछले साल एक भीषण हादसा हुआ था जिसमें कई लोगों की जानें गई थीं और यह एक बड़ा मामला बन गया था। हालांकि, हिंसा अभी तक थम नहीं पाई है।
लेटेस्ट हिंसा का केंद्र: जिरीबाम डिस्ट्रिक्ट
हाल ही में मणिपुर के जिरीबाम डिस्ट्रिक्ट में हिंसा की ताज़ा खबरें सामने आई हैं। बताया गया है कि यहां कई घरों और सरकारी दफ्तरों पर हमले हुए हैं। इस घटना के बाद, जिरीबाम डिस्ट्रिक्ट के एसपी को सस्पेंड कर दिया गया है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एक बड़े दल को वहां भेजा गया है।
हिंसा के कारण और प्रभाव
इस ताज़ा हिंसा का कारण एक मैती किसान की हत्या बताई जा रही है। किसान की लाश मिलने के बाद लोगों में आक्रोश बढ़ गया और उन्होंने हिंसा का सहारा लिया। इस हिंसा में कई घरों और सरकारी दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया गया। इससे लगभग 70 घर जल गए और सैकड़ों लोग बेघर हो गए। करीब 230 लोग जिरी बाम डिस्ट्रिक्ट के हेड क्वार्टर में शरण लेने को मजबूर हो गए।
जिरी बाम डिस्ट्रिक्ट का महत्व
जिरीबाम डिस्ट्रिक्ट का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि यह आसाम के कचार डिस्ट्रिक्ट के साथ बॉर्डर साझा करता है। पिछले साल की हिंसा के बाद, मणिपुर से लोग भागकर मिजोरम और अब आसाम में शरण ले रहे हैं। अब तक लगभग 600 लोग आसाम के कचार डिस्ट्रिक्ट में शरण ले चुके हैं।
सरकार और नेताओं की प्रतिक्रिया
इस हिंसा के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने स्थिति को संभालने की कोशिश की और इलाके का दौरा किया। उनके काफिले पर भी हमला हुआ जिसमें एक सुरक्षा कर्मी घायल हो गया। इस घटना पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी बयान दिया कि मणिपुर में शांति बहाल करने की जरूरत है।
उम्मीद की किरण
पिछले एक साल से मणिपुर में शांति बहाल करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन अभी तक पूरी तरह कामयाबी नहीं मिली है। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि जल्द ही मणिपुर में शांति लौटेगी और वहां के लोग सामान्य जीवन जी पाएंगे।
इस रिपोर्ट के जरिए हमने मणिपुर में हो रही हिंसा की ताजा स्थिति और उसके प्रभावों को समझने की कोशिश की है। उम्मीद है कि यह जानकारी आपको मणिपुर की वर्तमान स्थिति को समझने में मदद करेगी।
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