मॉनसून की दस्तक

मौसम विभाग के अनुसार, मॉनसून ने 30 मई को केरल के पश्चिमी घाट पर दस्तक दी। यह खबर झुलसा देने वाली गर्मी से जूझ रहे लोगों के लिए एक राहत भरी खबर है। विभाग ने बताया कि केरल में मॉनसून के लैंडफॉल के बाद, अगले कुछ दिनों में मॉनसून देश के कई राज्यों में पहुंच जाएगा।

विभिन्न राज्यों में मॉनसून की तारीखें

  • दिल्ली: 30 जून तक मॉनसून पहुंचने की संभावना है।
  • राजस्थान: 25 जून से 5 जुलाई के बीच मॉनसून के पहुंचने की उम्मीद है।
  • मध्य प्रदेश: 15 जून से 25 जून के बीच बारिश की संभावना है।
  • उत्तर प्रदेश: 20 जून से 25 जून के बीच मॉनसून दस्तक दे सकता है।
  • बिहार और झारखंड: 15 जून तक मॉनसून की पहली बारिश हो सकती है।
  • दक्षिण भारत: 1 जून से 10 जून के बीच मॉनसून के पहुंचने की संभावना है।

भीषण गर्मी से राहत

देश के ज्यादातर हिस्सों में कई दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है। दिल्ली में तापमान 52 डिग्री के पार पहुंच गया है। राजस्थान के चुरु में 50 डिग्री, श्रीगंगानगर में 49.4 डिग्री और पिलानी एवं फलौदी में 49 डिग्री तक तापमान पहुंच गया था। उत्तर प्रदेश के झांसी में पारा 48 डिग्री के पार पहुंच गया, जबकि बिहार के कई शहरों में तापमान सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है।

मॉनसून का महत्व

मॉनसून भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश की फसल की पैदावार और भूमिगत जल की उपलब्धता को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। मॉनसून की हवाएं गर्मी के मौसम के बाद दिशा बदलकर ठंडे इलाकों से गर्म प्रदेश की तरफ बहने लगती हैं, जिससे इन हवाओं में नमी की मात्रा बढ़ जाती है। यही वजह है कि ये हवाएं केरल के तट से टकराते ही बारिश लाती हैं।

मौसम विभाग का अनुमान

मौसम विभाग का अनुमान है कि मॉनसून के आगमन में एक से दो दिन की देरी या जल्दी हो सकती है। ऐसे में तय तारीखों में कुछ बदलाव संभव है, लेकिन आने वाले दिनों में कई राज्यों में बारिश से राहत मिलने की उम्मीद है।

नमी से भरी हवाएं

मॉनसून की हवाएं जब ठंडे इलाकों से बहकर गर्म प्रदेशों में आती हैं, तो इनमें नमी की मात्रा काफी अधिक होती है। यह नमी बारिश का कारण बनती है, जो भारत के कृषि और जल संसाधनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मॉनसून की यह विशेषता भारत के मौसम पर गहरा प्रभाव डालती है।

Share This:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *