मुख्य बातें:
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एससीओ शिखर सम्मेलन में कहा कि आतंकवाद को अनियंत्रित छोड़ना क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए बड़ा खतरा है।
- जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवादियों को पनाह देने वाले देशों को अलग-थलग और बेनकाब करने की अपील की।
- भारत ने चीन और पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए आतंकवाद को रोकने की जरूरत पर जोर दिया।
विस्तृत जानकारी:
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण पढ़ते हुए कहा कि आतंकवाद को किसी भी रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता या माफ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि एससीओ का एक मूल लक्ष्य आतंकवाद का मुकाबला करना है और पिछले साल भारत की अध्यक्षता के दौरान इस विषय पर जारी संयुक्त बयान नयी दिल्ली की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
महत्वपूर्ण बयान:
जयशंकर ने कहा, “हममें से कई लोगों के अपने अनुभव हैं, जो अक्सर हमारी सीमाओं से परे सामने आते हैं। यह बात स्पष्ट होनी चाहिए कि अगर आतंकवाद को बेलगाम छोड़ दिया गया तो यह क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। किसी भी रूप या स्वरूप में आतंकवाद को उचित नहीं ठहराया जा सकता या माफ नहीं किया जा सकता।”
विशेष टिप्पणी:
- उन्होंने पाकिस्तान और उसके सहयोगी चीन के परोक्ष संदर्भ में कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ‘‘उन देशों को अलग-थलग करना चाहिए और बेनकाब कर देना चाहिए जो आतंकवादियों को पनाह देते हैं, सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करते हैं और आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं”।
- जयशंकर ने कहा कि एससीओ को अपनी प्रतिबद्धता से कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए। इस संबंध में हम दोहरे मापदंड नहीं अपना सकते।
आर्थिक और सुरक्षा पहल:
जयशंकर ने एससीओ को सिद्धांत आधारित संगठन बताया और कहा कि इस संगठन का हमारी विदेश नीति में प्रमुख स्थान है। उन्होंने कहा कि भारत इस क्षेत्र के लोगों के साथ गहरे सभ्यतागत संबंध साझा करता है।
अन्य मुद्दे:
- जयशंकर ने ईरान में चाबहार बंदरगाह पर हुई प्रगति का उल्लेख किया और अफगानिस्तान की भी चर्चा करते हुए कहा कि भारत अफगान लोगों की जरूरतों और आकांक्षाओं के प्रति संवेदनशील है।
- एससीओ में सहयोग को जन-केंद्रित बताते हुए, उन्होंने भारत की अध्यक्षता के दौरान आयोजित विभिन्न आयोजनों की भी सराहना की।
सम्मेलन की मेजबानी और भविष्य की अध्यक्षता:
विदेश मंत्री ने सम्मेलन की सफल मेजबानी के लिए कजाखस्तान की तारीफ की और एससीओ की अगली अध्यक्षता के लिए चीन को शुभकामनाएं दीं।
निष्कर्ष:
एससीओ सम्मेलन में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी मजबूत स्थिति को दोहराया और वैश्विक समुदाय से आतंकवादियों को पनाह देने वाले देशों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की अपील की। भारत ने क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए एससीओ के महत्व पर भी जोर दिया।