सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग का हलफनामा: मतदान डेटा सार्वजनिक करने से पैदा हो सकता है भ्रम

चुनाव आयोग (ईसीआई) ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया है कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों का रिकॉर्ड (फॉर्म 17सी) सार्वजनिक करने से मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा हो सकता है। चुनाव आयोग ने यह हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका का विरोध करते हुए दायर किया है, जिसमें मांग की गई थी कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों का प्रतिशत 48 घंटे के भीतर सार्वजनिक किया जाए।

हलफनामे में ईसीआई ने कहा है कि फॉर्म 17सी को जनता के सामने सामान्य रूप से प्रकट करने पर नियमों में विचार नहीं किया गया है। ईसीआई ने तर्क दिया कि ऐसा कोई कानूनी अधिकार नहीं है, जिसके तहत सभी मतदान केंद्रों में मतदाता मतदान के अंतिम प्रमाणित डेटा को प्रकाशित करने का दावा किया जा सके। आयोग ने चेतावनी दी कि फॉर्म 17सी को वेबसाइट पर अपलोड करने से शरारत की संभावना है और छवियों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है, जिससे व्यापक असुविधा और अविश्वास पैदा हो सकता है।

नियमों के अनुसार, फॉर्म 17सी केवल पोलिंग एजेंट को दिया जाना चाहिए और नियम किसी अन्य इकाई को इसे प्रदान करने की अनुमति नहीं देते हैं। आयोग ने कहा कि फॉर्म 17सी को जनता के सामने सामान्य रूप से प्रकट करने का कोई प्रावधान नहीं है।

यह हलफनामा एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा दायर एक आवेदन के जवाब में दायर किया गया था। एडीआर ने अपने आवेदन में लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान के 48 घंटों के भीतर सभी मतदान केंद्रों पर डाले गए वोटों की संख्या सहित अंतिम प्रमाणित डेटा का खुलासा करने की मांग की थी।

चुनाव आयोग का मानना है कि मतदान डेटा का इस तरह से खुलासा करने से मतदाताओं के बीच गलतफहमी और संदेह पैदा हो सकता है। आयोग ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए वर्तमान व्यवस्था ही पर्याप्त है और इसमें किसी भी प्रकार का बदलाव अनावश्यक भ्रम और विवाद पैदा कर सकता है।

देश में वर्तमान में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और राजनीतिक पार्टियां मतदान प्रतिशत के आधार पर अपनी रणनीतियाँ बना रही हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में दायर यह याचिका और चुनाव आयोग का विरोध महत्वपूर्ण हो जाता है। अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या निर्णय लेता है और इससे चुनावी प्रक्रिया में क्या बदलाव आते हैं।

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