सूरत में इमारत गिरने की त्रासदी

सूरत के सचिन पाली गांव के कृष्णानगर इलाके में एक छह मंजिला इमारत के ढहने से हड़कंप मच गया। इस हादसे में 15 लोगों के घायल होने की खबर है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को तत्परता से नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल इमारत गिरने की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन अनुमान है कि भारी बारिश के कारण जर्जर हो चुकी इमारत भरभराकर गिर गई।

राहत और बचाव कार्य

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई और तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंचकर मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। सूरत पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने बताया कि मलबे से अब तक एक महिला को सुरक्षित बाहर निकाला गया है और कई अन्य लोगों को निकालने का प्रयास जारी है।

घटनास्थल पर वरिष्ठ अधिकारी

घटनास्थल पर जिलाधिकारी सौरभ पारधी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद हैं। पुलिस और अग्निशमन विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर बचाव अभियान चला रहे हैं। दृश्यों में बचाव अधिकारी कंक्रीट के बड़े टुकड़ों के बीच फंसे हुए लोगों की तलाश में जुटे हैं। जिलाधिकारी पारधी ने बताया कि इमारत में चार से पांच फ्लैट में लोग रहते थे, जिनमें से अब भी चार से पांच लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है।

इमारत की स्थिति और निर्माण

इस इमारत का निर्माण 2017-18 में किया गया था और इसके जर्जर होने के कारण सूरत महानगर पालिका ने इसे खाली करने के आदेश दिए थे। हालांकि, इमारत में रहने वाले ज्यादातर लोगों ने इसे खाली कर दिया था, लेकिन कुछ परिवार अब भी वहां रह रहे थे। बताया जा रहा है कि इमारत का मालिक विदेश में रहता है।

स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया

स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राहत और बचाव कार्य शुरू किया। सूरत पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने कहा कि इमारत गिरने की सूचना के बाद राहत और बचाव का काम तेजी से शुरू किया गया। एनडीआरएफ की टीम कड़ी मेहनत कर रही है और हमें उम्मीद है कि अभियान कुछ घंटे में खत्म हो जाएगा।

निष्कर्ष

इस दुर्घटना ने एक बार फिर से जर्जर इमारतों की समस्या को उजागर किया है और यह स्पष्ट किया है कि समय पर उचित कदम उठाने से इस तरह की दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है। प्रशासन को भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे और जर्जर इमारतों की स्थिति की समय-समय पर जांच करनी होगी।

सूरत के नागरिक इस हादसे से सदमे में हैं और सभी की दुआएं मलबे में फंसे लोगों की सुरक्षा के लिए हैं। स्थानीय प्रशासन और राहत बचाव दल की तत्परता से काम करने की सराहना की जा रही है, और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही सभी को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा।

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