झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 150 दिनों के बाद जेल से बाहर आ गए हैं। झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत दी है। जेल से रिहाई के बाद राज्य में उनके समर्थकों और गठबंधन सरकार के नेताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है।
मुख्य तथ्य
- गिरफ्तारी और हिरासत:
- हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।
- 1 फरवरी को उन्हें बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेजा गया।
- जमानत और रिहाई:
- झारखंड हाईकोर्ट ने 13 जून को उनकी जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।
- शुक्रवार सुबह अदालत ने जमानत मंजूर की, जिसके बाद रांची सिविल कोर्ट में बेल बांड भरे गए।
- 50-50 हजार रुपये के दो मुचलके भरे गए।
- राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
- राज्य के पथ निर्माण मंत्री बसंत सोरेन ने बेल बांड भरने के लिए दस्तावेजों के साथ सिविल कोर्ट पहुंचे।
- झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया पर खुशी व्यक्त करते हुए लिखा, “सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं। सत्यमेव जयते।”
- झारखंड कांग्रेस कार्यालय में नेताओं-कार्यकर्ताओं ने मिठाइयां बांटी और अबीर-गुलाल उड़ाए।
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी खुशी जताई।
कानूनी पक्ष
प्रवर्तन निदेशालय के वकील ने दलील दी कि अगर सोरेन को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह फिर से अपराध करेंगे। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा समान प्रकृति का अपराध करने की कोई संभावना नहीं है। अदालत का निष्कर्ष था कि याचिकाकर्ता आरोपित अपराध का दोषी नहीं है। बचाव पक्ष और ईडी की दलीलें पूरी होने के बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित कर लिया था।