आज Devshayani Ekadashi है, और इस अवसर पर काशी में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। लोग गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं और पुण्य कमा रहे हैं।
Devshayani Ekadashi, जिसे आषाढ़ी एकादशी भी कहा जाता है, भगवान विष्णु के शयनकाल की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन, भक्त गंगा नदी में पवित्र स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। काशी में, गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है, और वे गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमा रहे हैं।
Devshayani Ekadashi का महत्व:
- यह भगवान विष्णु के शयनकाल की शुरुआत का प्रतीक है।
- इस दिन गंगा स्नान करने से अश्वमेध यज्ञ करने का फल मिलता है।
- यह आध्यात्मिक शुद्धि और पुनर्जन्म का अवसर है।
- यह भक्तों के लिए भगवान के साथ जुड़ने का एक पवित्र समय है।
गंगा स्नान के नियम:
- गंगा में 3, 5 या 7 बार डुबकी लगाना शुभ माना जाता है।
- स्नान करते समय “गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति, नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरू” मंत्र का जाप करना चाहिए।