लखनऊ, छह जुलाई उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Adityanath Yogi ने रविवार को कहा कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान सफलता की नयी ऊंचाइयों को छू रहा है।
यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री Adityanath Yogi ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ वृक्षारोपण महा अभियान-2025 के सफल क्रियान्वयन हेतु सभी महापौरों, जिला पंचायत अध्यक्षों, क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों, ब्लॉक प्रमुखों, जिला पंचायत सदस्यों, ब्लॉक पंचायत सदस्यों, पार्षदों, सभासदों एवं ग्राम प्रधानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद किया।
मुख्यमंत्री Adityanath Yogi ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये एक अलग बैठक में प्रदेश सरकार के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों एवं विधान परिषद सदस्यों के साथ संवाद किया और उनसे अपने-अपने क्षेत्रों में इस पौध रोपण अभियान का नेतृत्व करने की अपील की।
सांसदों-विधायकों और मंत्रियों से संवाद में Adityanath Yogi ने कहा कि ”एक पौधे को अगर हम जीवन देंगे तो भविष्य में वृक्ष बनकर वह हमें भी जीवन देगा।”
उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि 2017 के पहले प्रदेश में वन एवं खनन माफिया हावी थे, इसके कारण प्रदेश का वन आच्छादन नीचे गिरता चला गया था। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले आठ वर्ष में ईमानदारी से किए गए प्रयासों का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश के वन आच्छादन में व्यापक स्तर की वृद्धि हुई है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने तथा पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने हेतु व्यापक जन आन्दोलन के माध्यम से वृक्षारोपण करके हरित आवरण में वृद्धि करने के लिए प्रदेश सरकार कटिबद्ध है।
उन्होंने इसके पहले पंचायत और निकाय प्रतिनिधियों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप पांच जून यानी विश्व पर्यावरण दिवस के दिन शुरू हुआ ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान सफलता की नयी ऊंचाइयों को छू रहा है।
योगी ने कहा कि 2017 के पहले उत्तर प्रदेश वनक्षेत्र घट रहा था लेकिन विगत आठ वर्ष में नियोजित प्रयासों के माध्यम से प्रदेश का वह नौ प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया है तथा आज हरित आवरण वृद्धि में उत्तर प्रदेश, देश में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि 2017 से 2024 के बीच हरित आवरण में पांच लाख एकड़ की वृद्धि हुई है।
बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि “ग्लोबल वार्मिंग” भविष्य में जीव जंतु ही नहीं बल्कि संपूर्ण मानवजाति के लिए बड़ी समस्या बन सकता है, इससे भविष्य में भूस्खलन, अत्यधिक वर्षा, बाढ़ आदि की समस्याएं देखने को मिल सकती है।
उन्होंने सावधान करते हुए कहा कि इसके लिए आवश्यक है कि जलवायु का संतुलन बना रहे। उन्होंने कहा, ‘‘आने वाली पीढ़ी को हम कैसी पृथ्वी देकर जाएंगे, इसके दृष्टिगत पौधरोपण के इस अभियान से सभी का जुड़ना आवश्यक है।’’
Adityanath Yogi ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कार्बन उत्सर्जन को 2070 तक ‘नेट जीरो’ तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, इसके लिए व्यापक वन आच्छादन आवश्यक है। योगी ने कहा कि किसानों को प्रेरित करें कि वह अपने खेत की मेड़ पर पौधारोपण करें।