रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में रेलवे से जुड़ी एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार 3.0 के बजट पेश होने के बाद रेलवे द्वारा ढाई हजार नॉन एसी कोच बनाए जा रहे हैं। अगले तीन सालों में दस हजार और अतिरिक्त नॉन एसी कोच बनाने की योजना है। इसका सीधा फायदा मिडिल क्लास और कम आय वाले यात्रियों को मिलेगा।
रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे का उद्देश्य है कि लोग कम कीमत पर आरामदायक सफर का आनंद उठा सकें। ट्रेनें 1000 किलोमीटर की यात्रा के लिए लगभग ₹450 की लागत पर विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान कर रही हैं।
रेलवे का पूंजीगत व्यय
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि साल 2014 से पहले रेलवे के लिए पूंजीगत व्यय पर निवेश 35,000 करोड़ हुआ करता था, जो अब बढ़कर 2.62 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह रेलवे के लिए रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय है और इसके लिए उन्होंने पीएम मोदी और वित्त मंत्री का धन्यवाद दिया।
पुराने समय की घोषणाएं और मौजूदा स्थिति
रेल मंत्री ने कहा कि 2014 के पहले नई ट्रेनों की घोषणा तो होती थी, लेकिन यह सुनिश्चित नहीं होता था कि ट्रैक में क्षमता है या नहीं। इस वजह से पहले की घोषणाएं लोकलुभावन होती थीं और उनका रेलवे के बुनियादी ढांचे से कोई मतलब नहीं होता था।
वित्त मंत्री का बजट भाषण और रेलवे
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में रेलवे का सिर्फ एक बार जिक्र किया। इसका मतलब है कि अंतरिम बजट में रेलवे क्षेत्र को जो आवंटन किया गया था, वह बिना किसी बदलाव के वही रहेगा। इस बात पर सभी लोग हैरान थे कि वित्त मंत्री के बजट भाषण में न तो किसी नई ट्रेन की घोषणा की गई और न ही किराए में कोई छूट या रेलवे नेटवर्क को बढ़ाने पर कोई जोर दिया गया।
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