मनु भाकर का ऐतिहासिक सफर: ओलंपिक्स में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय

मनु भाकर का ऐतिहासिक सफर: ओलंपिक्स में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय

एक नई शुरुआत

मनु भाकर ने ओलंपिक्स में इतिहास रचते हुए, शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर पहली भारतीय महिला बनने का गौरव प्राप्त किया। इससे पहले, ओलंपिक्स में भारतीयों द्वारा जितने भी शूटिंग मेडल जीते गए थे, वे सभी पुरुषों द्वारा जीते गए थे। यह उपलब्धि ही अपने आप में एक बड़ी बात थी, लेकिन मनु भाकर ने इससे भी आगे बढ़कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया।

दो मेडल की गौरवगाथा

पेरिस 2024 ओलंपिक्स में मनु भाकर ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाया। वह पहली भारतीय बन गईं, जिन्होंने एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीते। यह एक अद्वितीय उपलब्धि है क्योंकि आज तक किसी भी भारतीय खिलाड़ी ने एक ही ओलंपिक में दो मेडल नहीं जीते थे।

पहला मेडल: 10 मीटर एयर पिस्टल

मनु भाकर ने अपना पहला मेडल 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में जीता। यह एक व्यक्तिगत इवेंट था जिसमें उन्होंने 60 शॉट्स के बाद क्वालिफाई किया और टॉप 8 में पहुंची। फाइनल राउंड में उन्होंने 10 शॉट्स लिए और उसके बाद दो-दो शॉट के बाद सबसे नीचे वाले खिलाड़ी को बाहर कर दिया गया। अंत में मनु भाकर ने ब्रॉन्ज मेडल जीता, केवल 0.1 पॉइंट्स के अंतर से सिल्वर मेडल से चूकीं।

दूसरा मेडल: मिक्स्ड टीम इवेंट

मनु भाकर ने दूसरा मेडल मिक्स्ड टीम इवेंट में जीता। इस इवेंट में उन्होंने शरबजोत सिंह के साथ मिलकर भाग लिया। यह 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट था। इस इवेंट में कुल 18 टीमें थीं और क्वालिफिकेशन राउंड में मनु भाकर और शरबजोत सिंह ने मिलकर 580 पॉइंट्स स्कोर किए। इसके बाद, फाइनल राउंड में उन्होंने कोरिया की टीम को 16-10 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता।

मुकाबले की कठिनाइयाँ

इस ऐतिहासिक जीत के दौरान, मनु भाकर और शरबजोत सिंह को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। पहले राउंड में वे कोरिया से पीछे थे, लेकिन अगले राउंड्स में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए लगातार चार राउंड्स जीते। फाइनल राउंड तक पहुंचते-पहुंचते, उन्होंने 16-10 से मुकाबला अपने नाम कर लिया।

भारतीय शूटिंग में नए आयाम

इस जीत के साथ, मनु भाकर ने भारतीय शूटिंग में एक नया आयाम जोड़ा। इससे पहले, राजवर्धन सिंह राठौड़, अभिनव बिंद्रा, गगन नारंग और विजय कुमार जैसे खिलाड़ी ओलंपिक्स में मेडल जीत चुके हैं, लेकिन किसी ने भी एक ही ओलंपिक में दो मेडल नहीं जीते थे। मनु भाकर ने इस मिथक को तोड़ते हुए, न केवल भारतीय महिलाओं के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का कारण बनीं।

भविष्य की संभावनाएँ

मनु भाकर के पास एक और मेडल जीतने का मौका है। वह 25 मीटर पिस्टल शूटिंग इवेंट में भी भाग लेने वाली हैं। इस इवेंट का क्वालिफिकेशन राउंड 2 अगस्त को होगा और फाइनल 3 अगस्त को। यदि मनु भाकर इस इवेंट में भी मेडल जीतती हैं, तो यह उनके लिए और देश के लिए एक और बड़ी उपलब्धि होगी।

खेलो इंडिया की भूमिका

मनु भाकर की इस सफलता में खेलो इंडिया कार्यक्रम का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। खेलो इंडिया ने नए टैलेंट्स को उभरने का मौका दिया और उनके विकास में मदद की। मनु भाकर ने भी इसे स्वीकार किया कि खेलो इंडिया की वजह से उन्हें बहुत फायदा हुआ है।

समापन

मनु भाकर की यह ऐतिहासिक उपलब्धि भारतीय खेलों में एक मील का पत्थर है। उन्होंने न केवल भारतीय महिलाओं के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का कारण बनीं। उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि सही समर्थन और मेहनत से भारतीय खिलाड़ी किसी भी मंच पर अपना लोहा मनवा सकते हैं। मनु भाकर की इस सफलता ने भारतीय खेलों के भविष्य के लिए नई उम्मीदें जगाई हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले ओलंपिक्स में और कितने भारतीय खिलाड़ी इसी तरह से देश का नाम रोशन करेंगे।

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