दिल्ली में भारी बारिश ने मचाया हाहाकार: बारिश से दिल्ली लगभग डूबी

अलर्ट से आपातकाल तक

मंगलवार को भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली में बुधवार के लिए मध्यम से भारी बारिश का ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया था। लेकिन शाम 7 बजे के आसपास इस अलर्ट को ‘रेड’ अलर्ट में बदल दिया गया, जिससे स्पष्ट हो गया कि स्थिति गंभीर हो सकती है। बुधवार शाम को हुई तेज बारिश ने दिल्ली को लगभग डूबा दिया। इस बारिश का असर इतना व्यापक था कि आज भी शहर उसकी मार झेल रहा है।

शहर की रफ्तार पर ब्रेक

बारिश के कारण शहर की रफ्तार पर ब्रेक सा लग गया। सड़कों पर पानी भरने से भारी जाम लग गया, जिससे लोग घंटों तक फंसे रहे। सड़कों पर इतनी ज्यादा पानी भर गया कि गाड़ियाँ चलाना मुश्किल हो गया और पैदल चलने वालों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। आईटीओ और रिंग रोड जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भयानक जाम देखा गया।

ट्रैफिक की स्थिति

बारिश का सबसे बड़ा असर ट्रैफिक पर पड़ा। बुधवार की शाम को हुई बारिश इस सीजन की सबसे भयानक बारिश थी। मौसम विभाग ने गुरुवार और शुक्रवार के लिए हल्की से मध्यम बारिश का ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है। मॉनसून ट्रफ के दिल्ली के करीब होने की वजह से बारिश हो सकती है।

बारिश की माप

शहर के बेस स्टेशन सफदरजंग में शाम 5.30 बजे से रात 11.30 बजे तक 94.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। 28 जून को, जब मानसून ने दिल्ली में दस्तक दी थी, तब सफदरजंग में 228.1 मिमी की भारी बारिश हुई थी, जो उस महीने में एक दिन में सबसे ज्यादा थी। जुलाई महीने में एक दिन में सबसे तेज बारिश 26 जुलाई को 39.4 मिमी हुई थी।

बारिश के कारण

आईएमडी के सीनियर वैज्ञानिक आर के जेनामनी ने कहा, “मानसून ट्रफ दिल्ली के करीब है, जिससे तेज बारिश हो रही है। अगले दो दिनों तक तेज बारिश जारी रहने की संभावना है।” मंगलवार तक ट्रफ रेखा अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण में थी, लेकिन बुधवार को यह अपनी सामान्य स्थिति में आ गई।

हवाओं की स्थिति

आईएमडी ने बताया कि कई स्टेशनों पर तेज हवाएं चल रही थीं। पालम में हवा की स्पीड सबसे तेज थी, जो 27 किमी प्रति घंटे से बढ़कर शाम 7 बजे 45 किमी प्रति घंटे हो गई।

तापमान की स्थिति

दिल्ली में सामान्य से 3 डिग्री ज्यादा, अधिकतम तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह मंगलवार के अधिकतम तापमान से 1.5 डिग्री कम था। गुरुवार को भी दिल्ली में बारिश होने की संभावना जताई गई है और अधिकतम तापमान गिरकर 33 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। गुरुवार को तापमान गिरकर 25 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान जताया जा रहा है।

प्रशासनिक तैयारियाँ

इस तरह की आपातकालीन स्थितियों में प्रशासन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। दिल्ली सरकार और संबंधित एजेंसियों ने बारिश से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। जलभराव वाले इलाकों में पानी निकालने के लिए पंप लगाए गए हैं और ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की अतिरिक्त टीमें तैनात की गई हैं।

जनजीवन पर असर

बारिश के कारण दिल्ली का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्कूल और कॉलेजों में उपस्थिति कम हो गई है, और कई कार्यालयों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दी है। सार्वजनिक परिवहन प्रणाली पर भी इसका व्यापक असर पड़ा है, जिससे दैनिक यात्री काफी परेशान हैं।

निष्कर्ष

दिल्ली में हुई भारी बारिश ने शहर के जीवन को एक बार फिर से चुनौती दी है। आईएमडी के अलर्ट और प्रशासन की तैयारियों के बावजूद, इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए और भी अधिक सावधानी और तत्परता की आवश्यकता है। मौसम विभाग के अगले कुछ दिनों के पूर्वानुमान के अनुसार, बारिश की संभावना बनी रहेगी, इसलिए जनता को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

दिल्ली की इस आपदा ने हमें यह सिखाया है कि हमें जलवायु परिवर्तन और मौसम की अप्रत्याशित परिस्थितियों के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। प्रशासन और जनता दोनों को मिलकर ऐसे उपाय करने होंगे जिससे इस तरह की स्थिति में जनजीवन कम से कम प्रभावित हो और सामान्य स्थिति जल्द से जल्द बहाल हो सके।

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