नयी दिल्ली, एक अक्टूबर भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने मंगलवार को वाहन विनिर्माताओं से ‘पीएम ई-ड्राइव’ योजना के तहत प्रोत्साहन लेते समय दिशानिर्देशों का पालन करने पर बल देते हुए कहा कि फेम-2 योजना जैसे विवाद की ‘कोई गुंजाइश’ नहीं होनी चाहिए।
कुमारस्वामी की यह टिप्पणी इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के त्वरित क्रियान्वयन एवं विनिर्माण से संबंधित ‘फेम-2’ योजना में कुछ कंपनियों द्वारा मानदंडों का उल्लंघन करके वित्तीय प्रोत्साहन लेने के आरोपों से गतिरोध पैदा हुआ था।
फेम-2 प्रावधानों ने भारत में निर्मित उपकरणों का इस्तेमाल कर इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के लिए प्रोत्साहन की अनुमति दी। हालांकि, भारी उद्योग मंत्रालय की जांच में आया था कि कुछ कंपनियों ने कथित तौर पर आयातित कलपुर्जों का उपयोग किया था।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फेम-2 योजना की जगह इलेक्ट्रिक वाहन पारिस्थितिकी को विस्तार देने के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना लाने की मंजूरी दी थी। करीब 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली इस योजना की मंगलवार को शुरुआत हुई।
शुभारंभ कार्यक्रम में कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘फेम-2 योजना को लेकर वाहन विनिर्माताओं और हमारे मंत्रालय के बीच कुछ मतभेद हैं क्योंकि दो-तीन विनिर्माता इसके दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। कुछ मतभेद और विवादों के बीच वे हर दिन मंत्रालय के समक्ष मांगें रख रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सभी विनिर्माताओं से मेरा व्यक्तिगत अनुरोध है, मैं विवाद या किसी भी मतभेद के लिए कोई गुंजाइश नहीं देना चाहता। हमने जो भी दिशानिर्देश लागू किए हैं, कृपया उनका पालन करें।’’
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने, चार्जिंग ढांचा खड़ा करने और ईवी विनिर्माण पारिस्थितिकी का विकास करने के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना लागू की गई है। यह योजना एक अक्टूबर, 2024 से 31 मार्च, 2026 तक लागू रहेगी।