नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ (आईआरएफ) ने घटिया गुणवत्ता वाले हेलमेट के इस्तेमाल के खिलाफ सरकार के अभियान का स्वागत किया है। इसके साथ ही आईआरएफ ने हेलमेट पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर को मौजूदा के 18 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने की मांग की है।
सड़क सुरक्षा बढ़ाने और उपभोक्ताओं को घटिया गुणवत्ता वाले हेलमेट से बचाने के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने जिला अधिकारियों (डीसी) और जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को पत्र लिखकर दोपहिया वाहन चालकों के लिए गैर-अनुपालन वाले हेलमेट बेचने वाले विनिर्माताओं तथा खुदरा विक्रेताओं के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने को कहा है।
आईआरएफ के मानद अध्यक्ष के. के. कपिला ने बयान में कहा, ‘‘ आईआरएफ घटिया हेलमेट के खिलाफ अभियान का स्वागत करता है, लेकिन हेलमेट पर जीएसटी को वर्तमान 18 प्रतिशत से घटाकर शून्य प्रतिशत करने की भी मांग करता है, क्योंकि दुनियाभर में सड़क दुर्घटनाओं में मौत के मामलों में से करीब 11 प्रतिशत भारत के हैं।’’
कपिला ने कहा कि भारत में हेलमेट का इस्तेमाल कम किया जाता है। ऐसा देखा गया है कि अधिकतर दोपहिया वाहन चालक आर्थिक रूप से कमजोर तथा निम्न आय वर्ग से आते हैं और वे सस्ते व घटिया गुणवत्ता वाले हेलमेट खरीदना पसंद करते हैं।
वर्तमान में हेलमेट (जीवन रक्षक सुरक्षात्मक उपकरण) पर जीएसटी की लागू दर 18 प्रतिशत है।
केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 129 के अनुसार दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है।