सीबीआई के पूर्व विवादित निर्देशक राकेश अस्थाना फिर से विवादों में

नई दिल्ली:- राकेश अस्थाना, जो कि एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रहा है और विभिन्न विवादों में घिरा रहा है , पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। गुजरात के सूरत में पुलिस कमिश्नर के तौर पर कार्यरत रहते हुए उसके ऊपर आरोप है कि उसने 2013-15 के दौरान पुलिस वेलफेयर फंड में से 20 करोड़ रुपये बीजेपी को चुनावी चंदे के रूप में दिए थे। आरोपों के अनुसार, यह राशि पुलिस अकाउंट में वापस नहीं आई। जब इस मामले पर आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी गई, तो 2015 में दायर आरटीआई में किसी प्रकार की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई थी।

सीबीआई निर्देशक पद पर रिश्वत लेने का आरोप

राकेश अस्थाना के कार्यकाल में सीबीआई निदेशक के पद पर भी विवाद उठे थे, जहां रिश्वतखोरी के मामले में उनकी और सीबीआई के तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा की खींचतान मीडिया में आई थी। रिश्वतखोरी के इन आरोपों के कारण उन्हें और आलोक वर्मा दोनों को छुट्टी पर भेजा गया था।

आसाराम बापू प्रकरण में भी अस्थाना की भूमिका संदिग्ध

गौरतलब है कि आसाराम बापू केस में भी अस्थाना ने जांच अधिकारी के रूप में आसाराम बापू के खिलाफ बोगस केस को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। आरोपों के अनुसार, राकेश अस्थाना और शिकायतकर्ता महिला के पति की मिली भगत थी, बोगस आरोप लगाने के बदले में महिला के पति को सरकारी नौकरी और घर दिए जाने की बात कही जा रही है।राकेश अस्थाना की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से करीबी को भी उनकी नियुक्तियों में अहम भूमिका मानी जाती रही है। यह बात भी मीडिया में कई बार प्रकाशित हो चूकी है कि मोदी और शाह ने ही आसाराम बापू के खिलाफ गुजरात का केस करवाया था | ऐसे में आसाराम बापू के खिलाफ मामला सेट करने के लिए अस्थाना की तत्कालीन गुजरात सरकार के साथ साँठगाँठ की बात को नकारा नहीं जा सकता |

भ्रष्ट राजनीतिक, प्रशासनिक और मीडिया तंत्र के कारण कई निर्दोष लोग झूठे केस में फँसाए जाते हैं | ऐसे लोगों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए |

Share This:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *