तेहरान: ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के पुत्र मोजतबा खामेनेई को उनके पिता के उत्तराधिकारी के रूप में चुना गया है। यह निर्णय विशेषज्ञों की सभा की 26 सितंबर को हुई एक गुप्त बैठक में लिया गया, जो 85 वर्षीय नेता के अनुरोध पर आयोजित की गई थी। यह जानकारी ईरानी मीडिया आउटलेट यनेट न्यूज़ ने ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दी है।
रिपोर्ट के अनुसार, खामेनेई की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के चलते यह निर्णय लिया गया। 60 सदस्यीय विशेषज्ञों की सभा को सर्वसम्मति से निर्णय लेने के लिए भारी दबाव का सामना करना पड़ा। खामेनेई और उनके प्रतिनिधियों ने कथित तौर पर सभा पर दबाव बनाने के लिए धमकियों का सहारा लिया।
मोजतबा खामेनेई का बढ़ता प्रभाव
पिछले कुछ वर्षों में मोजतबा खामेनेई का शासन में प्रभाव तेजी से बढ़ा है। 2009 के चुनावों के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों को दबाने में उनकी भूमिका के लिए उन्हें पहचाना जाता है। 2021 में उन्हें आयतुल्लाह की उपाधि दी गई, जिससे वे सर्वोच्च नेता बनने की संवैधानिक शर्तों को पूरा करते हैं।
निर्णय को गुप्त रखने की रणनीति
ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह निर्णय जनता के विरोध से बचने के लिए गुप्त रखा गया। “सभा ने व्यापक जनविरोध के डर से इस निर्णय को अत्यंत गोपनीय बनाए रखने का संकल्प लिया,” रिपोर्ट में कहा गया। सदस्यों को जानकारी लीक करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई।
सत्ता हस्तांतरण की योजना
सूत्रों के अनुसार, अली खामेनेई अपने जीवनकाल में ही सत्ता अपने बेटे को हस्तांतरित करने की योजना बना रहे हैं ताकि सत्ता का सुगम और विवादमुक्त हस्तांतरण सुनिश्चित किया जा सके।खामेनेई की सेहत को लेकर अटकलेंशनिवार को सोशल मीडिया पर कई दावे वायरल हुए, जिनमें कहा गया कि खामेनेई कोमा में चले गए हैं। यह अटकलें तब शुरू हुईं जब अक्टूबर में द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया कि खामेनेई “गंभीर रूप से बीमार” हैं। हालांकि, ईरानी सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।यह कथित निर्णय ईरान के बढ़ते आंतरिक और बाहरी दबावों के बीच शासन की स्थिरता बनाए रखने की कोशिशों को दर्शाता है।