विदेश मंत्री जयशंकर का बयान: “पीओके भारत का अभिन्न हिस्सा था और हमेशा रहेगा”

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में बढ़ती हिंसा और महंगाई के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पीओके हमेशा से भारत का हिस्सा था और रहेगा। जयशंकर ने कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद पीओके के मुद्दे पर अब अधिक चर्चा हो रही है, जो पहले नहीं होती थी।

पीओके में हिंसक प्रदर्शन

वर्तमान में पीओके में गेहूं के आटे और बिजली की ऊंची कीमतों के साथ-साथ अधिक टैक्स के खिलाफ जनता हड़ताल कर रही है। इन मुद्दों को लेकर हो रहे उग्र प्रदर्शन और हिंसा ने पाकिस्तान सरकार को भी हिला कर रख दिया है। हाल ही में, प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी हुई जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए।

जयशंकर का बयान

जयशंकर ने कहा कि पीओके के लोग अपनी स्थिति की तुलना जम्मू-कश्मीर से कर रहे होंगे, जहां भारत ने अनुच्छेद 370 हटाने के बाद काफी विकास किया है। उन्होंने कहा, “पीओके के लोग देख रहे होंगे कि जम्मू-कश्मीर कैसे प्रगति कर रहा है। वे जानते हैं कि कब्जे में होने, भेदभाव किए जाने और बुरे व्यवहार का क्या मतलब होता है। उनके दिमाग में यह तुलना स्पष्ट होगी।”

विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 था, तब तक पीओके के मुद्दे पर ज्यादा चर्चा नहीं होती थी। 1990 के दशक में भारत पर कुछ पश्चिमी देशों द्वारा दबाव भी डाला गया था, लेकिन संसद ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था कि पीओके भारत का हिस्सा है।

पीओके की स्थिति पर विचार

जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर हमेशा से भारत का हिस्सा रहा है। “अगर यह पूछा जा रहा है कि पाकिस्तान का कब्जा कब खत्म होगा, तो यह काफी दिलचस्प सवाल है,” उन्होंने कहा। उनकी टिप्पणी इस बात को स्पष्ट करती है कि भारत की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है और पीओके को लेकर भारत की नीति सख्त और स्पष्ट है।

समकालीन घटनाएं

पीओके में हाल की घटनाओं ने स्थानीय जनता में भारी असंतोष पैदा कर दिया है। महंगाई और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इन विरोध प्रदर्शनों ने पाकिस्तान सरकार को चिंता में डाल दिया है, और यह स्थिति नियंत्रण से बाहर होती दिख रही है।

निष्कर्ष

विदेश मंत्री जयशंकर का बयान पीओके में जारी हिंसा और भारत की स्थिति को लेकर स्पष्टता प्रदान करता है। यह भारत की अडिग नीति का प्रतीक है कि पीओके हमेशा से भारत का हिस्सा था और रहेगा। इस बीच, पीओके में बढ़ती महंगाई और जनता के विरोध ने पाकिस्तान सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

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