ममता बनर्जी नाराज़, कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में देंगी चुनौती: पश्चिम बंगाल में OBC आरक्षण पर बड़ा फैसला

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कलकत्ता हाईकोर्ट के ताज़ा फैसले से नाराज़ दिख रही हैं। हाईकोर्ट ने राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए 37 वर्गों को दिए गए आरक्षण को रद्द कर दिया है। यह फैसला ममता सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है और मुख्यमंत्री ने संकेत दिया है कि वे इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगी।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2010 में विभिन्न वर्गों को दिए गए ओबीसी आरक्षण को रद्द करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया। अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि राज्य में सेवाओं और पदों पर इस प्रकार का आरक्षण अवैध है। कोर्ट ने यह भी कहा कि मुस्लिम समुदाय के 77 वर्गों को ओबीसी श्रेणियों में डालना राजनीतिक लाभ के लिए किया गया था और यह पूरे मुस्लिम समुदाय का अपमान है। अदालत ने इस संदर्भ में राज्य सरकार पर राजनीतिक लाभ के लिए मुस्लिम समुदाय का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोर्ट के इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वह इस फैसले को स्वीकार नहीं करेंगी और ओबीसी दर्जा और सर्टिफिकेट रद्द करने के आदेश को चुनौती देंगी। ममता बनर्जी का कहना है कि यह फैसला राज्य के लाखों लोगों के अधिकारों का हनन करता है और इससे मुस्लिम समुदाय पर गहरा असर पड़ेगा।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 37 वर्गों को ओबीसी आरक्षण सूची से हटाने का फैसला सुनाते हुए कहा कि यह प्रक्रिया असंवैधानिक है। अदालत ने यह भी कहा कि मुस्लिम समुदाय को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया गया और इससे वह अन्य अधिकारों से वंचित हो सकते हैं। न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की खंडपीठ ने इस संदर्भ में 211 पृष्ठ का आदेश पारित किया है।

हाईकोर्ट के इस फैसले का असर करीब 5 लाख लोगों पर पड़ेगा, जिसमें मुस्लिम समुदाय का एक बड़ा हिस्सा शामिल है। इस फैसले से ममता बनर्जी के वोट बैंक पर भी असर दिख सकता है। जिन लोगों को पहले आरक्षण का फायदा मिल रहा था, अगर उन्हें अब यह फायदा नहीं मिलेगा तो वे नाराज हो सकते हैं और इसका असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता सरकार ने वोट बैंक की राजनीति के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया और घुसपैठियों को राज्य की जनसांख्यिकी बदलने की अनुमति दी। अमित शाह ने यह भी कहा कि बंगाल में बीजेपी 30 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करेगी और तृणमूल कांग्रेस बिखर जाएगी।

ममता बनर्जी की सरकार ने 2012 में एक कानून लागू किया था, जिसमें ओबीसी वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान था। कोर्ट ने 2012 के उस कानून के प्रावधानों को भी रद्द कर दिया है, जिससे कई जातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग प्रभावित हुए हैं।

इस फैसले के बाद ममता बनर्जी की सरकार को मुस्लिम समुदाय की नाराजगी भी झेलनी पड़ सकती है। अब देखना होगा कि ममता बनर्जी सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को कैसे चुनौती देती हैं और इसका राज्य की राजनीति पर क्या असर पड़ता है। पश्चिम बंगाल की राजनीति में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है और आगामी चुनावों में इसके परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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