बांग्लादेश में छात्रों का हिंसक विरोध प्रदर्शन: कोटा सिस्टम को लेकर बढ़ती नाराजगी

बांग्लादेश में पिछले कई हफ्तों से जारी छात्रों का विरोध प्रदर्शन हिंसक मोड़ ले चुका है। सरकारी इमारतों को जलाने और व्यापक हिंसा के कारण कम से कम 49 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। देशभर में हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है। इस रिपोर्ट में हम विस्तार से जानेंगे कि यह विरोध प्रदर्शन क्यों शुरू हुआ और इसके पीछे क्या कारण हैं।

कोटा सिस्टम के खिलाफ प्रदर्शन

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम को लेकर छात्रों में काफी समय से नाराजगी है। पहले, सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम था, जिसे प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने 2018 में समाप्त कर दिया था। हालांकि, हाल ही में हाई कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया, जिससे छात्रों में गुस्सा और बढ़ गया।

हिंसक प्रदर्शन

प्रदर्शनकारी छात्रों ने कई सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया। ढाका में स्थित राज्य ब्रॉडकास्टर ‘बांग्लादेश टीवी’ के मुख्यालय के बाहर कई वाहनों को जलाया गया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि पुलिस को रबर बुलेट्स, टीयर गैस और शॉक ग्रेनेड्स का इस्तेमाल करना पड़ा।

प्रदर्शन का फैलाव

यह हिंसा सिर्फ ढाका तक सीमित नहीं रही, बल्कि बांग्लादेश के कई अन्य शहरों में भी फैल गई। सैकड़ों विश्वविद्यालय के छात्र लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका मुख्य उद्देश्य सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम को पूरी तरह समाप्त करना है।

कोटा सिस्टम की पृष्ठभूमि

1971 में पाकिस्तान से अलग होने के बाद, बांग्लादेश में वॉर हीरोज के रिश्तेदारों और अन्य अंडरडेवलप्ड जिलों के लोगों को सरकारी नौकरियों में कोटा दिया जाता था। छात्रों का कहना है कि अब सभी नौकरियां मेरिट के आधार पर दी जानी चाहिए।

सरकार और कोर्ट का फैसला

2018 में शेख हसीना सरकार ने कोटा सिस्टम को समाप्त कर दिया था। लेकिन हाल ही में, बांग्लादेश हाई कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया, जिससे छात्रों में गुस्सा भड़क उठा। सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसने फिलहाल हाई कोर्ट के फैसले को सस्पेंड कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 7 अगस्त से शुरू होगी।

छात्रों की मांग

छात्रों का डर है कि कोटा सिस्टम वापस आ सकता है। वे प्रधानमंत्री शेख हसीना से सीधे मुलाकात करना चाहते थे, लेकिन उनकी मांग को नजरअंदाज कर दिया गया। इसके बाद, प्रदर्शन और भी हिंसक हो गया।

सरकार की प्रतिक्रिया

बांग्लादेश के कानून मंत्री ने कहा है कि सरकार छात्रों के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना जरूरी है। उन्होंने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

स्थिति की गंभीरता

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मेट्रो रेल सेवाओं को रोकना पड़ा। मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। कई स्कूल और विश्वविद्यालय अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं।

भारतीय परिप्रेक्ष्य

भारत में भी कोटा सिस्टम को लेकर विवाद होते रहे हैं। हाल ही में, कर्नाटक सरकार ने प्राइवेट सेक्टर में लोकल्स के लिए कोटा सिस्टम लाने की कोशिश की, लेकिन बड़े पैमाने पर विरोध के कारण इसे रोक दिया गया।

निष्कर्ष

बांग्लादेश में छात्रों का विरोध प्रदर्शन तेजी से हिंसक हो रहा है, और स्थिति को नियंत्रित करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। कोटा सिस्टम को लेकर छात्रों की नाराजगी को समझना और उनके साथ सार्थक संवाद करना जरूरी है, ताकि स्थिति और न बिगड़े।

इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि बांग्लादेश में कोटा सिस्टम को लेकर विवाद कितना गहरा और जटिल है। सरकार और छात्रों के बीच बेहतर संवाद और न्यायपालिका के फैसले का सम्मान ही इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है।

Share This:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *