Bhumi Amla: लिवर, डायबिटीज और पाचन समस्याओं के लिए है चमत्कारी दवा, जानें बेहतरीन फायदे

Bhumi Amla, आयुर्वेद में चमत्कारी औषधीय पौधा माना जाता है. यह लिवर, मधुमेह, पाचन और जोड़ों के दर्द में लाभकारी है. इसका सेवन चूर्ण, जूस या काढ़े के रूप में किया जा सकता है.

हाइलाइट्स

  • भूमि आंवला लिवर, मधुमेह और पाचन में लाभकारी है.
  • यह जड़ी-बूटी सूजन और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है.
  • भूमि आंवला का सेवन चूर्ण, जूस या काढ़े के रूप में करें.

Bhumi Amla, जिसे कई क्षेत्रों में भुई आंवला के नाम से भी जाना जाता है, आयुर्वेद में एक बेहद उपयोगी और चमत्कारी औषधीय पौधा माना गया है. इसके पत्ते, तना और जड़ अनेक प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से लड़ने की ताकत रखते हैं. यह जड़ी-बूटी खासतौर पर लिवर संबंधी समस्याओं, मधुमेह, पाचन से जुड़ी दिक्कतों और जोड़ों के दर्द जैसे रोगों के इलाज में सहायक मानी जाती है. आयुर्वेद विशेषज्ञ मानते हैं कि भूमि आंवला के नियमित और सही इस्तेमाल से शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है.

लिवर के लिए वरदान है Bhumi Amla
चरक संहिता में भूमि आंवला को ‘कषहार’ कहा गया है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर के दोषों को नष्ट करने में सहायक है. यह जड़ी-बूटी लिवर को मजबूत करती है और पीलिया, हेपेटाइटिस, फैटी लिवर और लिवर सिरोसिस जैसी बीमारियों में राहत देती है. इसके सेवन से लिवर की सफाई होती है और टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं. भूमि आंवला पेट की समस्याओं जैसे गैस, कब्ज, एसिडिटी और अपच में भी बहुत असरकारक है, जिससे पाचन क्रिया मजबूत होती है.

डायबिटीज और सूजन में भी कारगर
Bhumi Amla ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में भी मदद करता है, जिससे यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद लाभकारी है. इसके अलावा इसके अंदर मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी तत्व शरीर में सूजन को कम करते हैं और इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं. यह जड़ी-बूटी खांसी, सर्दी, बुखार, गठिया के दर्द और त्वचा रोगों में भी काफी लाभकारी साबित होती है.

कैसे करें भूमि आंवला का सेवन? 
हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि Bhumi Amla को सूखाकर इसका चूर्ण बनाया जा सकता है, जिसे पानी या शहद के साथ लिया जा सकता है. ताजे पत्तों का जूस बनाकर पीना भी लाभकारी होता है. इसके अलावा इसकी जड़ों और पत्तों को उबालकर काढ़ा बनाकर पी सकते हैं. त्वचा रोगों के लिए भूमि आंवला को पीसकर उसका लेप लगाना भी असरदार होता है

Bhumi Amla को और क्या कहा जाता है?
भारत में Bhumi Amla को विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे हिंदी में Bhumi Amla या जंगली आंवला, संस्कृत में तमालकी या बहुपत्र, कन्नड़ में भू नेल्ली, मराठी में भुई आंवला, मलयालम में किझुकानेली और तेलुगु में नेला उसिरका. इसका वैज्ञानिक नाम Phyllanthus urinaria है. हालांकि इसके कई फायदे हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए. विशेषकर गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं और जो लोग पहले से दवाइयां ले रहे हों, उन्हें इसका उपयोग डॉक्टर से पूछकर ही करना चाहिए.