बजट 2024: लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स और इंडेक्सेशन पर महत्वपूर्ण निर्णय
23 जुलाई 2024 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया, जिसके बाद से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स और इंडेक्सेशन के मुद्दे पर काफी चर्चा हो रही थी। बजट में सरकार ने इंडेक्सेशन के लाभ को पूरी तरह से समाप्त कर दिया था, जिससे प्रॉपर्टी ओनर्स और निवेशकों में खलबली मच गई थी। इस निर्णय का सोशल मीडिया पर जमकर विरोध हुआ और रियल एस्टेट सेक्टर में भी चिंता का माहौल बना रहा।
इंडेक्सेशन क्या है?
इंडेक्सेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मुद्रास्फीति (इंफ्लेशन) के अनुसार संपत्ति की मूल लागत को समायोजित किया जाता है। इससे संपत्ति की बिक्री पर वास्तविक लाभ को कम करके टैक्स का बोझ कम किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपने 2001 में 50 लाख रुपये की संपत्ति खरीदी और 2025 में उसे 2 करोड़ रुपये में बेचा। अगर इंडेक्सेशन का लाभ न हो, तो आपको 1.5 करोड़ रुपये के लाभ पर टैक्स देना पड़ता। लेकिन इंडेक्सेशन की प्रक्रिया के अनुसार, मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए, वास्तविक लाभ कम हो जाता है और उस पर टैक्स लगता है।
बजट 2024 के निर्णय
सरकार ने बजट 2024 में घोषणा की कि इंडेक्सेशन का लाभ समाप्त कर दिया जाएगा और प्रॉपर्टी की बिक्री पर सीधे 12.5% टैक्स लगेगा। इससे पहले, इंडेक्सेशन के अनुसार लाभ को समायोजित करके 20% टैक्स लगाया जाता था।
उदाहरण के लिए, अगर आपने 2001 में 50 लाख रुपये की संपत्ति खरीदी और 2025 में 2 करोड़ रुपये में बेची, तो पहले इंडेक्सेशन के अनुसार 50 लाख रुपये की संपत्ति मुद्रास्फीति के कारण बढ़कर हो सकती है कि 1.5 करोड़ रुपये की हो गई। इस पर 20% टैक्स देना होता था, जिससे टैक्स की राशि लगभग 30 लाख रुपये होती थी।
लेकिन नए नियम के अनुसार, सीधे 1.5 करोड़ रुपये के लाभ पर 12.5% टैक्स लगेगा, जिससे टैक्स की राशि 18.75 लाख रुपये होगी। यह राशि इंडेक्सेशन के बाद 20% टैक्स से कम है, लेकिन बिना इंडेक्सेशन के 12.5% टैक्स अधिक हो सकता है।
सोशल मीडिया और विरोध
इस निर्णय के बाद सोशल मीडिया पर जोरदार विरोध हुआ। निवेशकों और प्रॉपर्टी ओनर्स ने इसे अनुचित बताया और कहा कि यह रियल एस्टेट सेक्टर के लिए नुकसानदेह हो सकता है। उन्होंने सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की मांग की।
सरकार का रुख और निर्णय में बदलाव
सरकार ने जनता और निवेशकों के विरोध को ध्यान में रखते हुए अपने निर्णय में बदलाव किया। उन्होंने घोषणा की कि 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी गई संपत्तियों पर इंडेक्सेशन का लाभ अभी भी लागू रहेगा। मतलब, अगर आपने 23 जुलाई 2024 से पहले कोई संपत्ति खरीदी है, तो आप पुराने नियमों के अनुसार इंडेक्सेशन का लाभ उठा सकते हैं या नए नियमों के अनुसार 12.5% टैक्स चुन सकते हैं।
निर्णय का प्रभाव
इस निर्णय का प्रभाव यह होगा कि पुराने निवेशक जिन्होंने बजट से पहले संपत्ति खरीदी थी, वे अपने फायदे के हिसाब से टैक्स का तरीका चुन सकते हैं। नए नियम केवल उन पर लागू होंगे जिन्होंने 23 जुलाई 2024 के बाद संपत्ति खरीदी है।
निष्कर्ष
बजट 2024 के बाद सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे निवेशकों और प्रॉपर्टी ओनर्स को राहत मिली है। इंडेक्सेशन का लाभ जारी रखना पुराने निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है और नए नियमों से टैक्स का बोझ भी कम हो सकता है। इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि सरकार जनता की आवाज सुनने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए तत्पर है।