देश को एक साथ 10 वंदे भारत ट्रेनों की सौगात: पीएम मोदी 15 सितंबर को दिखाएंगे हरी झंडी

भारतीय रेलवे अपने आधुनिकीकरण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है, और अब देश को एक साथ 10 वंदे भारत ट्रेनों की सौगात मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को झारखंड के जमशेदपुर से इन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह पहली बार है जब इतने बड़े पैमाने पर एक साथ 10 वंदे भारत ट्रेनों का शुभारंभ किया जा रहा है, जो भारतीय रेलवे के विकास की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

वंदे भारत: आधुनिक और तेज़ गति की ट्रेन

वंदे भारत ट्रेनें भारतीय रेलवे के लिए आधुनिकता का प्रतीक हैं। देशभर के अलग-अलग रूटों पर अब तक कुल 54 जोड़ी वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं, जो 24 राज्यों और 280 जिलों से होकर गुजरती हैं। इन ट्रेनों की लोकप्रियता और जरूरत को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कई और राज्यों में इनका विस्तार करने का फैसला किया है।

किन राज्यों को मिलेगी सौगात?

15 सितंबर को झारखंड के जमशेदपुर से हरी झंडी मिलने के बाद ये 10 वंदे भारत ट्रेनें निम्नलिखित राज्यों में संचालित होंगी:

  • झारखंड
  • बिहार
  • पश्चिम बंगाल
  • ओडिशा
  • आंध्र प्रदेश
  • महाराष्ट्र
  • तेलंगाना
  • कर्नाटक
  • छत्तीसगढ़
  • उत्तर प्रदेश

इन राज्यों के मुख्य रेलवे स्टेशनों से यह ट्रेनें चलेंगी, जो विभिन्न रूटों पर यात्रा को और सुगम बनाएंगी। इनमें से सबसे ज्यादा ट्रेनें बिहार से होकर गुजरेंगी, जिससे राज्य के यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी।

ओडिशा में रेलवे के बुनियादी ढांचे को मिलेगा बढ़ावा

ओडिशा को इस सौगात से खास फायदा होने जा रहा है। 15 सितंबर से कम से कम तीन नई वंदे भारत ट्रेनें ओडिशा के रूट पर चलाई जाएंगी:

  1. राउरकेला-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस
  2. टाटा-बरहामपुर वंदे भारत एक्सप्रेस
  3. दुर्ग-विशाखापत्तनम वंदे भारत एक्सप्रेस

इसके अलावा, ओडिशा में रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने 2024-25 में 10,586 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। इससे राज्य में रेलवे नेटवर्क और सुविधाओं का और विस्तार होगा, जिससे यातायात में तेजी और सुविधा दोनों बढ़ेंगी।

वंदे भारत ट्रेनों का महत्व

वंदे भारत ट्रेनें न केवल अपनी तेज़ गति के लिए जानी जाती हैं, बल्कि ये यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं भी प्रदान करती हैं। ये ट्रेनें वातानुकूलित होती हैं और इनमें अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित सफर का अनुभव मिलता है। इन ट्रेनों के माध्यम से भारतीय रेलवे देश के हर हिस्से को जोड़ने के प्रयास में है, जिससे विभिन्न राज्यों के बीच यात्रा और भी आसान हो जाएगी।

निष्कर्ष

15 सितंबर का दिन भारतीय रेलवे के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा, जब एक साथ 10 वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई जाएगी। यह कदम न केवल यात्रियों को तेज़ और आरामदायक यात्रा की सुविधा देगा, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में रेलवे नेटवर्क को भी और मजबूत करेगा। भारतीय रेलवे का यह प्रयास देश को आधुनिकता की ओर तेजी से ले जा रहा है।

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