नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने मानव तस्करी करने वाले एक गिरोह के सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है, जो भारतीयों को साइबर अपराध से जुड़े धंधों में काम करने के लिए लाओस भेज रहा था।
इस गिरोह का संचालन चीन के घोटालेबाज कर रहे थे जो यूरोपीय और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाते थे।
एजेंसी ने गिरोह के सदस्यों मंजूर आलम उर्फ गुड्डू, साहिल, आशीष उर्फ अखिल, पवन यादव उर्फ अफजल उर्फ अफरोज और मुख्य साजिशकर्ता कामरान हैदर उर्फ जैदी के खिलाफ बुधवार को एक विशेष अदालत के समक्ष आरोपपत्र दाखिल किया।
एनआईए के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा, “एनआईए की जांच से पता चला है कि सभी पांच लोग आर्थिक रूप से कमजोर भारतीय युवाओं को मानव तस्करी के जरिये लाओ पीडीआर के ‘गोल्डन ट्राएंगल क्षेत्र’ ले जाते थे, जहां उन्हें यूरोपीय और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाकर साइबर घोटाले करने के लिए मजबूर किया जाता था।”
बयान के अनुसार, ये लोग एक कन्सल्टेन्सी फर्म ‘अली इंटरनेशनल सर्विसेज़’ चलाते थे जिसकी आड़ में मानव तस्करी की जाती थी।
एजेंसी की जांच के अनुसार, जैदी ने पूरे अभियान में मदद की और चीनी घोटालेबाजों के चंगुल से भागने की कोशिश करने वाले पीड़ितों से क्रिप्टो करेंसी वॉलेट के माध्यम से पैसे ऐंठ लिए।
एनआईए ने कहा, “पवन यादव अन्य मध्यस्थ एजेंटों को दरकिनार कर, तस्करी किए गए लोगों को नौकरी के बदले सीधे अपने गिरोह में शामिल करता था। इसके बाद उसने उन्हें चीनी कंपनियों में नौकरी पर रखा और फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाने तथा अमेरिका और यूरोप के लोगों से चैटिंग करने का काम किया। साइबर घोटाले के तहत उसने उन्हें क्रिप्टो करेंसी ऐप में निवेश करने के लिए राजी किया।”
एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच में विभिन्न अवैध गतिविधियों में शामिल तस्करों और दलालों के एक सुव्यवस्थित नेटवर्क का पता चला है।
बयान में कहा गया, “इनमें बिना लाइसेंस के मानव शक्ति आपूर्ति एजेंसियों के संचालन से लेकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में आपराधिक गतिविधियों के लिए संभावित पीड़ितों के अवैध स्थानांतरण और परिवहन तक शामिल हैं। आरोप पत्र में नामित आरोपी सीधे तौर पर हवाई टिकट और दस्तावेजों की व्यवस्था करने और गोल्डन ट्राएंगल क्षेत्र में संपर्कों की मदद से अवैध सीमा पार कराने में शामिल थे।”