जिनेवा स्थित आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र (आईडीएमसी) की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 2023 में भारत में प्राकृतिक आपदाओं के चलते पांच लाख लोगों को अपने घरों से बेघर होना पड़ा। इस दौरान दिल्ली में 27,000 लोगों को विस्थापित होना पड़ा।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में भारत में बाढ़, तूफान, भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं ने व्यापक पैमाने पर लोगों को प्रभावित किया। हालांकि, 2022 की तुलना में यह आंकड़ा काफी कम है। 2022 में, करीब 25 लाख लोग प्राकृतिक आपदाओं के चलते विस्थापित हुए थे।
आईडीएमसी ने विशेष रूप से दिल्ली को बाढ़ विस्थापन का केंद्र बताया है। 9 जुलाई 2023 को यमुना नदी में आई बाढ़ के कारण अधिकारियों को कई घरों को खाली कराना पड़ा। इस दिन दिल्ली में 24 घंटे के भीतर 153 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जो 1982 के बाद सबसे अधिक थी। इस बाढ़ के चलते लगभग 27,000 लोग विस्थापित हुए।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि जून 2023 में असम के 20 जिलों में प्राकृतिक आपदाओं के कारण करीब 91,000 लोग विस्थापित हुए। इसके अतिरिक्त, अरब सागर में आए बिपरजॉय तूफान के कारण गुजरात और राजस्थान में लगभग 105,000 लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा।
आईडीएमसी की रिपोर्ट ने दक्षिण एशिया में भी विस्थापन के आंकड़े प्रस्तुत किए। 2023 में दक्षिण एशिया में कुल 37 लाख लोग विस्थापित हुए, जबकि 2018 में यह संख्या 36 लाख थी। 2023 में आए मोचा तूफान ने बांग्लादेश में 13 लाख लोगों को बेघर कर दिया। शोधकर्ताओं का कहना है कि 2023 का तूफान अल नीनो के कारण पिछले वर्षों जितना ताकतवर नहीं था, फिर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ा।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव गंभीर है और इससे बड़ी संख्या में लोगों को अपने घरों से बेघर होना पड़ता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि आपदाओं की तीव्रता और प्रभाव में साल दर साल बदलाव आ सकता है, लेकिन इसके सामाजिक और मानवीय परिणाम हमेशा गहरे होते हैं।