भारत-यूके Free Trade Agreement 2024

24 जुलाई 2025 को भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर कर दिए गए। यह ब्रेक्ज़िट के बाद यूके का सबसे बड़ा ट्रेड एग्रीमेंट है और भारत का भी पहला ऐसा समझौता है जो किसी पश्चिमी विकसित देश के साथ हुआ है।

व्यापारिक बूस्ट

  • वर्तमान भारत-यूके व्यापार: 23 बिलियन डॉलर
  • नया अनुमानित व्यापार: 34 बिलियन डॉलर
  • यूके की जीडीपी में वृद्धि: 4.8 बिलियन पाउंड
  • संभावित निवेश: 6 बिलियन पाउंड (ग्रीन एनर्जी, स्टार्टअप्स में)

क्या होगा सस्ता – कौन फायदे में?

🇮🇳 भारत के लिए:
  • 99% भारतीय वस्तुएं ड्यूटी फ्री होंगी तुरंत या कुछ वर्षों में
  • खास लाभ:
    • टेक्सटाइल और अपेरल्स (10-12% ड्यूटी → 0%)
    • लेदर व फुटवियर, जेम्स एंड ज्वेलरी, इंजीनियरिंग गुड्स, ऑटो पार्ट्स, सी फूड, चावल
🇬🇧 यूके के लिए:
  • औसतन 15% टैरिफ → घटकर 3%
  • स्कॉच व्हिस्की: 150% → 75% (अब), फिर 30-40% (10 वर्षों में)
  • लग्जरी कारें: 100%+ → 10%
  • कोटा सीमा: 25,000 कारें प्रतिवर्ष
  • अन्य फायदे: कॉस्मेटिक्स, डेयरी, मेडिकल डिवाइसेज़, केमिकल्स

स्किल्ड लेबर और सेवाएं – भारत के प्रोफेशनल्स को बड़ी राहत

  • 3 साल के वर्क परमिट यूके में काम के लिए
  • भारतीय डिग्रियों को यूके में मान्यता: (CA, आर्किटेक्ट आदि)
  • शेफ, योग इंस्ट्रक्टर्स, आर्टिस्ट्स को शॉर्ट टर्म परमिट
  • सोशल सिक्योरिटी में छूट: 3 मिलियन पाउंड तक की बचत सालाना

सरकारी टेंडर और निवेश के नए द्वार

  • यूके कंपनियां भारत सरकार के ₹200 करोड़ से ऊपर के टेंडर में भाग ले सकेंगी
  • भारत खोलेगा कुछ संवेदनशील सेक्टर्स:
    • रिन्यूएबल एनर्जी
    • एआई, सेमीकंडक्टर, एजुकेशन टेक

शिक्षा और शोध सहयोग

  • भारतीय डिग्रियों की मान्यता
  • स्टूडेंट वीज़ा आसान होगा, 2 साल तक वर्क अपॉर्चुनिटी
  • संयुक्त रिसर्च फंडिंग:
    • क्लाइमेट चेंज
    • स्पेस साइंस
    • डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर

2035: दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी

  • डिफेंस: संयुक्त R&D
  • साइबर सुरक्षा, ग्रीन हाइड्रोजन, 5G
  • स्टार्टअप सहयोग, वेंचर कैपिटल, इनक्यूबेशन
  • शिक्षा व रिसर्च में लॉन्ग टर्म सहयोग

क्या हैं चुनौतियां?

  • लेबर राइट्स और पर्यावरण को लेकर यूके ट्रेड यूनियनों की चिंता
  • सोशल सिक्योरिटी छूट से दोहरी नीति का आरोप
  • भारतीय किसानों का डर: सस्ते यूके एग्री गुड्स से लोकल मार्केट प्रभावित

रणनीतिक मायने: ये समझना जरूरी है

🇮🇳 भारत के लिए:

  • आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया, एक्ट ईस्ट को बढ़ावा
  • ईयू व चीन पर निर्भरता घटेगी
  • भारत की फ्री ट्रेड डील क्रेडिबिलिटी बढ़ेगी (EU, कनाडा, EFTA के साथ वार्ताएं और तेज)

🇬🇧 यूके के लिए:

  • ब्रेक्ज़िट के बाद का पहला बड़ा डील
  • भारत के 1.4 बिलियन उपभोक्ता बाजार तक पहुंच
  • इंडो-पैसिफिक में प्रो-इंडिया पार्टनर बनने का मौका

एग्रीमेंट कब लागू होगा?

  • अभी यूके और भारत की संसदों में रैटिफिकेशन बाकी
  • संभावित कार्यान्वयन: वर्ष 2026