“फाइनली, भारत ने वॉशिंगटन की धमकी नहीं, डाटा से जवाब दिया है!”
बीती रात 8:20 बजे, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत ‘रशियन ऑयल से मुनाफा कमा रहा है और यूक्रेनियन लोगों की मौत की परवाह नहीं करता।’ और इसी के साथ धमकी दी कि अमेरिका भारत पर टैरिफ 25% नहीं, उससे कहीं अधिक यानी 500% तक बढ़ा सकता है।
लेकिन… भारत अब वो देश नहीं है जो ऐसे बयानों से झुक जाए। भारत ने आज जवाब दिया – डिप्लोमैटिकली, डाटा के साथ और डिग्निटी के साथ।
📊 रशियन ऑयल, भारत और ग्लोबल पॉलिटिक्स
- 2022 से पहले: भारत का केवल 0.2% क्रूड ऑयल रशिया से आता था।
- 2022 के बाद: डिस्काउंटेड क्रूड मिलने से रशिया से आयात बढ़कर 35–40% तक हो गया।
- भारत ने इसे रिफाइन कर यूरोप और अमेरिका को एक्सपोर्ट भी किया – ये सभी जानते थे कि इसमें रशियन क्रूड है। तब चुप्पी थी।
तो जब अमेरिका और यूरोप की ज़रूरत थी, भारत से खरीदते रहे। अब, जब चुनाव करीब हैं और ट्रंप को दिखाना है कि वो “सख्त” हैं – तो टारगेट बन गया भारत?
💣 ट्रंप की धमकी और दोहरे मापदंड
“India is not only buying massive amounts of Russian oil, but selling it at a profit.” — ट्रंप
यह बात कोई छुपी नहीं है। लेकिन ट्रंप ये भूल रहे हैं कि:
- यूरोपियन यूनियन ने 2024 में 67.5 बिलियन यूरो का रशिया से ट्रेड किया।
- 2024 में एलएनजी इंपोर्ट किया गया 16.5 मिलियन टन, जो 2022 से भी ज़्यादा है।
- अमेरिका खुद रशिया से यूरेनियम, पैलेडियम, और फर्टिलाइज़र आयात कर रहा है।
तो ये हिपोक्रेसी नहीं तो क्या है?
भारत का जवाब – फैक्ट्स से भरपूर और डिग्निटी के साथ
रणधीर जायसवाल, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पष्ट कहा:
“US का यह ऐक्शन अनजस्टिफाइड, अनरीजनेबल और डिस्क्रिमिनेटरी है।”
भारत ने क्या-क्या पॉइंट रखे?
- डबल स्टैंडर्ड एक्सपोज़ किया – यूरोप और अमेरिका खुद रशिया से ट्रेड कर रहे हैं।
- डाटा पेश किया – यूरोपियन यूनियन का ट्रेड भारत से कहीं ज़्यादा है रशिया के साथ।
- सॉवरेनटी पर जोर दिया – भारत अपने नेशनल इंटरेस्ट के हिसाब से निर्णय लेगा।
- स्टैंड रीअसर्ट किया – भारत किसी के दबाव में रिश्ते खत्म नहीं करेगा।
🔄 क्या भारत सीधे रिटैलियेट करेगा?
नहीं। भारत की रणनीति है शांत, समझदारी भरी और स्मार्ट:
- डिप्लोमैटिक एंगेजमेंट – अगस्त के तीसरे हफ्ते में यूएस ट्रेड टीम भारत आ रही है।
- WTO में शिकायत की तैयारी – अनफेयर टैरिफ के खिलाफ।
- स्वदेशी पुश – पीएम मोदी ने लोकल प्रोडक्ट्स को प्रमोट करने का आह्वान किया है।
- एक्सपोर्ट डायवर्सिफिकेशन – UK, UAE, GCC, ASEAN के साथ नए समझौते।
- ऑयल डायवर्सिफिकेशन – नए सोर्सेज पर काम।
🌍 बड़ा संदेश क्या है?
भारत आज ग्लोबल साउथ की आवाज है। न हम किसी के पीछे चलते हैं, न किसी के दबाव में काम करते हैं।
“जब अमेरिका और यूरोप अपने नेशनल इंटरेस्ट के लिए निर्णय ले सकते हैं, तो भारत क्यों नहीं?”
ट्रंप की धमकी कोई नई बात नहीं है। पर इस बार जवाब नई तरह से आया – तथ्यों से, ठहराव से और आत्मनिर्भरता से।