भारत के स्वर्ण उद्योग ने उपभोक्ता तथा सरकार के बीच विश्वास बढ़ाने के लिए नए संघ की घोषणा की

भारतीय स्वर्ण उद्योग ने भारतीय स्वर्ण उत्कृष्टता एवं मानक संघ (आईएजीईएस) के गठन की मंगलवार को घोषणा की। यह विश्व स्वर्ण परिषद द्वारा समर्थित एक स्व-नियामक संगठन (एसआरओ) है।

संगठन का उद्देश्य क्षेत्र में विश्वास की कमी को दूर करना तथा पारदर्शिता बढ़ाना है।

विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) के क्षेत्रीय मुख्य कार्यपालक अधिकारी सचिन जैन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ आईएजीईएस के लिए रूपरेखा स्वतंत्र रूप से संचालित और पेशेवर रूप से प्रबंधित की जाएगी। इसे जल्द ही जारी किया जाएगा, जिसके बाद सदस्यता की घोषणा की जाएगी। संगठन के इस साल दिसंबर या जनवरी 2025 तक काम शुरू करने की उम्मीद है। ’’

आईएजीईएस का गठन राष्ट्रीय उद्योग संघों द्वारा किया जाएगा, जिसमें इंडिया बुलियन एंडज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए), अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण परिषद (जीजेसी) और रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) शामिल होंगे।

जीजेईपीसी के चेयरमैन विपुल शाह ने कहा, ‘‘ आईएजीईएस का गठन भारतीय स्वर्ण उद्योग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह नैतिकता, पारदर्शिता तथा स्थिरता के उच्चतम मानकों को स्थापित करने की हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।’’

अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण परिषद (जीजेसी) के चेयरमैन संयम मेहरा ने कहा, ‘‘ हमारा लक्ष्य एक साथ मिलकर सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को बढ़ावा देना, उच्चतम गुणवत्ता सुनिश्चित करना तथा उपभोक्ताओं और उद्योग हितधारकों के बीच विश्वास को बढ़ावा देना है।’’

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी ने कहा, ‘‘ आईएजीईएस न केवल भारत की वैश्विक स्वर्ण केंद्र के रूप में स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि इस क्षेत्र में नवाचार और प्रगति को भी बढ़ावा देगा।’’

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