भारत की ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में बढ़ती रैंकिंग और इनोवेशन की दिशा में प्रगति

भारत की विकास यात्रा में अनुसंधान और नवाचार (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) का योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा है। आज के समय में दुनिया के कई अग्रणी देश, जैसे अमेरिका और चीन, अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए रिसर्च और इनोवेशन में भारी निवेश कर रहे हैं। इन देशों की आर्थिक वृद्धि में इस निवेश का बड़ा योगदान है। भारत भी इस दिशा में अग्रसर है और पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाई है।

भारत की इनोवेशन रैंकिंग में सुधार:

भारत की इनोवेशन यात्रा को दर्शाने के लिए हाल ही में जारी ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (Global Innovation Index) 2024 एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस इंडेक्स में भारत ने 39वें स्थान पर जगह बनाई है। यह रैंकिंग इस बात का प्रमाण है कि पिछले 9 वर्षों में भारत ने 42 स्थानों की छलांग लगाई है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है।

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत की लगातार उन्नति का कारण देश में हो रहा रिसर्च और नवाचार पर जोर है। भारत न केवल अपने आंतरिक विकास के लिए इन क्षेत्रों में निवेश कर रहा है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपनी जगह बना रहा है। 2015 में 81वें स्थान से 2024 में 39वें स्थान पर पहुंचने तक की यह यात्रा इस बात का संकेत है कि भारत ने अपनी इनोवेशन क्षमता में अद्वितीय प्रगति की है।

लोअर मिडिल इनकम देशों में भारत का नेतृत्व:

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2024 में भारत का प्रदर्शन विशेष रूप से लोअर मिडिल इनकम कैटेगरी में उल्लेखनीय है। 38 देशों की इस श्रेणी में भारत को पहला स्थान प्राप्त हुआ है। यह दर्शाता है कि भारत ने विकासशील देशों की पंक्ति में नवाचार और प्रौद्योगिकी के मामले में एक अग्रणी स्थान हासिल किया है। इसके अलावा, साउथ एशिया और सेंट्रल एशिया में भी भारत ने 10 देशों में पहले स्थान पर अपनी जगह बनाई है, जो क्षेत्रीय स्तर पर भारत की नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स: एक परिचय

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) एक वार्षिक रैंकिंग है जो यह दर्शाता है कि किसी देश में नवाचार के लिए कितनी क्षमता है और उसने इस क्षेत्र में कितना सफलता प्राप्त की है। इस रैंकिंग को वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गनाइजेशन (WIPO) द्वारा जारी किया जाता है, जो कि संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष संस्था है। इस इंडेक्स के माध्यम से देशों की इनोवेशन क्षमता और उपलब्धियों का मूल्यांकन किया जाता है।

इंडेक्स में दो प्रमुख घटक होते हैं— इनोवेशन इनपुट सब इंडेक्स और इनोवेशन आउटपुट सब इंडेक्स। इनपुट इंडेक्स में उन कारकों को शामिल किया जाता है जो नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक हैं, जैसे संस्थान, मानव पूंजी और अनुसंधान, बुनियादी ढांचा, बाजार और व्यापार परिष्कार। वहीं, आउटपुट इंडेक्स में तकनीकी और ज्ञान उत्पादन, और सृजनात्मक उत्पादन शामिल होते हैं।

भारत के नवाचार के क्षेत्र में प्रमुख क्षेत्र:

भारत ने तकनीकी क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन किया है, खासकर आईटी और सॉफ्टवेयर निर्यात में। आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) निर्यात में भारत का विश्व में पहला स्थान है। इसके अलावा, भारत वेंचर कैपिटल रिसीविंग में छठे स्थान पर है।

भारत की प्रमुख शहरों में भी नवाचार के मामले में बेहतरीन प्रदर्शन देखा गया है। बेंगलुरु, दिल्ली, चेन्नई, और मुंबई जैसे शहर शीर्ष 100 ग्लोबल शहरों में स्थान बना चुके हैं। यह इंगित करता है कि भारत न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नवाचार और अनुसंधान के मामले में अपनी पहचान बना रहा है।

भविष्य की संभावनाएं और चुनौतियां:

हालांकि, भारत ने इनोवेशन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन अभी भी चुनौतियां बनी हुई हैं। वैश्विक स्तर पर रिसर्च एंड डेवलपमेंट के निवेश में धीमी वृद्धि देखी जा रही है। कोविड-19 महामारी के बाद से रिसर्च और विकास में हुए निवेश में गिरावट आई है, जिससे नवाचार प्रक्रिया थोड़ी धीमी हुई है।

इसके बावजूद, भारत के पास इनोवेशन के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत करने का अवसर है। भारत के पास एक युवा जनसंख्या है, जो नवाचार के क्षेत्र में देश को और आगे बढ़ा सकती है।

निष्कर्ष:

भारत की ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में तेजी से बढ़ती रैंकिंग यह दर्शाती है कि देश नवाचार और अनुसंधान के क्षेत्र में एक मजबूत खिलाड़ी बन रहा है। भारत के लिए यह समय है कि वह इस अवसर को भुनाते हुए अपने युवाओं को और अधिक प्रोत्साहित करे, ताकि देश का इनोवेशन इकोसिस्टम और भी मजबूत हो सके।

Share This:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *