Indo-Pacific विवाद
जापान के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कैबिनेट को सौंपी गई वार्षिक सैन्य रिपोर्ट में कहा कि ताइवान के आसपास बढ़ता तनाव और उत्तर कोरिया से संभावित खतरों के अलावा रूस के साथ चीन का बढ़ता संयुक्त अभियान जापान के लिए भी गंभीर सुरक्षा चिंताएं पैदा कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समाज एक नए संकट के दौर से गुजर रहा है क्योंकि यह द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद की सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है।’’
रिपोर्ट में वैश्विक शक्ति के संतुलन में आए महत्वपूर्ण बदलावों का हवाला देते हुए चीन-अमेरिका के बीच प्रतिद्वंद्विता के बढ़ने पर चिंता जताई गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा खतरे Indo-Pacific क्षेत्र में केंद्रित हैं, जहां जापान स्थित है और भविष्य में ये खतरे और भी तेज हो सकते हैं।
जापान ने हाल के वर्षों में दक्षिण-पश्चिमी द्वीपों पर अपनी सैन्य तैनाती में तेजी लाई है और लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलें तैनात करने की तैयारी कर रहा है।
जापान, ताइवान में संघर्ष से चिंतित है क्योंकि चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है और जरूरत पड़ने पर उसे बलपूर्वक अपनी मुख्य भूमि में मिलाने की धमकी भी देता है।
जापान ने पिछले महीने की शुरुआत में अपने देश में कम दूरी की, सतह से जहाज पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया था।
यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई है जब जापान ने चीन से कहा था कि वह अपने लड़ाकू विमानों के उसके टोही विमानों करीब उड़ाना बंद करे। जापान के अनुसार चीन इस तरह की हरकत बार-बार कर रहा हे और इससे टकराव बढ़ने की संभावना है। इसके जवाब में चीन ने भी जापान पर जासूसी के इरादे से चीनी हवाई क्षेत्र के पास अपने विमानों को उड़ाने का आरोप लगाया था।