नाग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से सर्प देवताओं की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, जो जुलाई-अगस्त के महीनों में पड़ता है।
नाग पंचमी के मुख्य पहलू
सर्पों की पूजा: नाग पंचमी के दिन लोग सर्प देवताओं की पूजा करते हैं। इस दिन सर्पों को दूध, चावल, फूल, और मिठाई अर्पित की जाती हैं। कई लोग जीवित सर्पों को दूध पिलाते हैं, विशेषकर नाग या कोबरा को। यह प्रथा विशेष रूप से महाराष्ट्र और अन्य सर्प-पूजन के लिए प्रसिद्ध क्षेत्रों में देखी जाती है।
अनुष्ठान और प्रसाद: नाग पंचमी के दिन लोग नाग देवता के मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं या फिर अपने घरों में नाग देवता की तस्वीर या मूर्ति की पूजा करते हैं। कुछ लोग दीवारों पर सर्प की आकृति बनाकर उसकी पूजा करते हैं, जिससे वे अपने परिवार की सुरक्षा और समृद्धि की कामना करते हैं।
सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व: हिंदू धर्म में सर्पों का विशेष स्थान है। माना जाता है कि सर्प अनंत (या शेष) भगवान विष्णु का आसन है और यह संपूर्ण ब्रह्मांड को अपने फन पर धारण किए हुए है। नाग पंचमी का पर्व प्रकृति के प्रति आदर और सर्पों के पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देने का एक विशेष अवसर है।
क्षेत्रीय विविधताएँ
नाग पंचमी का पर्व भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है:
- महाराष्ट्र: यहां नाग पंचमी पर विशेष रूप से कोबरा की पूजा की जाती है। लोग सर्पों को दूध अर्पित करते हैं और उनके सम्मान में विविध धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।
- दक्षिण भारत: यहां लोग नाग देवता की मूर्तियों को सजाते हैं और घर पर उनकी पूजा करते हैं। इस क्षेत्र में नाग पंचमी का एक विशेष स्थान है और इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
उपवास और पारंपरिक भोजन
नाग पंचमी के दिन कुछ भक्त उपवास रखते हैं, जबकि अन्य विशेष भोजन तैयार करते हैं। पारंपरिक व्यंजनों में “खीर” (मीठा चावल का पायस) और दूध-चावल से बनी मिठाईयां शामिल हैं। इन व्यंजनों का प्रसाद के रूप में वितरण किया जाता है।
पौराणिक कथाएँ
नाग पंचमी से कई पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं। इनमें प्रमुख हैं भगवान कृष्ण द्वारा सर्प कालिया का वध और आस्तिक मुनि द्वारा राजा जनमेजय के सर्पसत्र में सर्पों की रक्षा की कथा। ये कथाएँ नाग पंचमी के धार्मिक महत्व को और अधिक गहराई देती हैं।
निष्कर्ष
नाग पंचमी का पर्व आदर, प्रार्थना, और सर्पों के महत्व को समझने का एक विशेष अवसर है। इस दिन लोग सर्पों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हैं और उनकी महत्ता को स्वीकार करते हैं। नाग पंचमी केवल धार्मिक पूजा का पर्व नहीं है, बल्कि यह प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी और आदर का प्रतीक भी है।