एनटीए रिफार्म कमेटी: सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की सुधार प्रक्रिया को लेकर आज एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जा रही है। एनटीए रिफार्म कमेटी ने जनता और सभी स्टोक होल्डर्स से एनटीए में सुधार को लेकर राय मांगी थी, जिसके परिणामस्वरूप एक बड़ी संख्या में लोगों ने इस रायशुमारी में हिस्सा लिया। इस लिहाज से यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

रिफार्म कमेटी का गठन

शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं के पारदर्शी, सुगम और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए एक हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। इसरो के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन इस 7 सदस्यीय समिति का नेतृत्व कर रहे हैं। यह समिति परीक्षा प्रक्रिया में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार, और एनटीए के स्ट्रक्चर और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें देने के लिए बनाई गई है। केंद्र सरकार ने इस समिति को दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

समिति के सदस्य

इस समिति में राधाकृष्णन के अलावा रणदीप गुलेरिया, बी जे राव, राममूर्ति के., पंकज बंसल, आदित्य मित्तल और गोविंद जायसवाल बतौर सदस्य शामिल हैं। यह समिति एनटीए के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए कार्यरत है।

परीक्षा सुधार की आवश्यकता

पिछले कुछ समय में परीक्षा प्रणाली को लेकर कई विवाद सामने आए हैं, जिसमें सबसे बड़ा नीट पेपर लीक मामला रहा है। नीट परीक्षा में पेपर लीक की घटनाओं के कारण एनटीए पर सवाल उठे और छात्रों ने परीक्षा रद्द करने की मांग करते हुए देशभर में विरोध प्रदर्शन किए। इसके चलते मामला अदालत तक पहुंच गया।

भविष्य की दिशा

इस सुधार प्रक्रिया का उद्देश्य एनटीए के संचालन को और भी अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और सुगम बनाना है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके और परीक्षा प्रक्रिया को और भी बेहतर बनाया जा सके।

निष्कर्ष

एनटीए रिफार्म कमेटी की यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम है जो एनटीए की कार्यप्रणाली में सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद करेगी। इसके साथ ही, यह सुधार प्रक्रिया परीक्षा देने वाले लाखों छात्रों के भविष्य को और भी सुरक्षित और बेहतर बनाएगी।

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