नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में सहभागी चुनावी प्रक्रिया का शांतिपूर्ण समापन लोकतांत्रिक भावना की जीत है और केंद्र शासित प्रदेश के लोगों के परिस्थितियों से सामंजस्य बैठाने का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक विधानसभा चुनाव के संपन्न होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर के लोगों की इच्छा व्यक्त हो गई है।
कुमार ने कहा, ‘‘लोकतंत्र को अपनाने का उनका कदम इसकी नींव को मजबूत करता है और अब एक बार फिर लोकतांत्रिक यात्रा को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने की जिम्मेदारी उन पर है।’’
जम्मू-कश्मीर में एक दशक के बाद विधानसभा चुनाव हुए और संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने और 2019 में तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किए जाने के बाद यह पहला चुनाव था।
परिसीमन के बाद विधानसभा सीट की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो गई, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को आवंटित सीट शामिल नहीं हैं।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल दिसंबर में निर्वाचन आयोग को जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया था।