टैरिफ पर ट्रंप को झटका: अमेरिकी कोर्ट ने फैसला सुनाया – ‘अवैध है ट्रंप का टैरिफ’

अमेरिका की एक बड़ी अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को गैरकानूनी (Illegal) करार दिया है। यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फेडरल सर्किट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा है कि ट्रंप प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम (IEEPA – 1977) का दुरुपयोग किया।

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति काल में कई देशों पर भारी-भरकम टैरिफ (आयात शुल्क) लगाए थे — जिनमें भारत, चीन, मैक्सिको और कनाडा प्रमुख थे।
ट्रंप का दावा था कि यह “राष्ट्रीय आपातकालीन स्थिति” है, और इसके तहत उन्हें टैरिफ लगाने का अधिकार है।

लेकिन इस फैसले के खिलाफ अमेरिका के छोटे बिज़नेसमैन और कई राज्यों ने अदालत में मुकदमा दायर किया। उन्होंने कहा कि इन टैरिफ्स से उनकी लागतें बढ़ गई हैं, और यह पूरी प्रक्रिया असंवैधानिक है

कोर्ट ने क्या कहा?

  • 11 जजों की बेंच ने इस पर फैसला सुनाया।
  • 7 जजों ने ट्रंप की नीति को गैरकानूनी बताया, जबकि 4 जजों ने ट्रंप का समर्थन किया
  • कोर्ट ने कहा: “IEEPA के तहत राष्ट्रपति को अनियंत्रित रूप से टैरिफ लगाने की शक्ति नहीं दी गई है। ऐसी शक्तियां सिर्फ कांग्रेस के पास हैं।”

कौन-से टैरिफ हैं फैसले की जद में?

  1. लिबरेशन डे टैरिफ (Reciprocal Tariff):
    • भारत समेत कई देशों पर 25% का शुल्क।
    • तर्क: “अगर भारत अमेरिका पर टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी लगाएगा।”
  2. ट्रैफिकिंग टैरिफ:
    • चीन, मैक्सिको, कनाडा जैसे देशों पर।
    • तर्क: “इन देशों से अमेरिका में ड्रग्स की तस्करी हो रही है।”

यह फैसला “रूस से ऑयल इंपोर्ट” पर लगे 25% वाले सैंक्शन टैरिफ पर लागू नहीं होता।

अब आगे क्या?

  • टैरिफ फिलहाल जारी रहेगा।
  • ट्रंप को 14 अक्टूबर तक सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का मौका दिया गया है।
  • अगर सुप्रीम कोर्ट भी ट्रंप की टैरिफ नीति को गैरकानूनी ठहराता है, तो:
    • अमेरिका सरकार को कलेक्ट किया गया टैरिफ वापस करना पड़ सकता है।
    • अब तक करीब 159 बिलियन डॉलर टैरिफ के रूप में जुटाए जा चुके हैं।

ट्रंप की प्रतिक्रिया?

डोनाल्ड ट्रंप ने कोर्ट के फैसले को “राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ एक खतरा” बताया है और कहा:

“ये फैसला पूरी तरह से गलत है और अमेरिका के हितों के विरुद्ध है।”

भारत पर क्या असर होगा?

जो टैरिफ भारत पर लगा था (Reciprocal Tariff – 25%), वह इसी फैसले की जद में आता है।
❌ लेकिन रूस से तेल खरीदने के चलते लगे 25% वाले सैंक्शन टैरिफ पर यह फैसला लागू नहीं होता।

👉 इसका मतलब है:
अगर सुप्रीम कोर्ट भी यही फैसला देती है, तो भारत से अमेरिका को होने वाला निर्यात सस्ता हो सकता है, क्योंकि टैरिफ हट सकता है।

क्या ट्रंप अब टैरिफ नहीं लगा सकते?

🚫 IEEPA (1977) के तहत अब टैरिफ लगाना संभव नहीं होगा।
✅ लेकिन ट्रंप के पास अन्य रास्ते हैं:

  1. यूएस ट्रेड एक्ट, 1974 के तहत सेक्शन 301 का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  2. 1962 के नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत स्टील और एलुमिनियम जैसे क्षेत्रों में टैरिफ लगाया जा सकता है।

इन दोनों प्रक्रियाओं में समय ज्यादा लगता है और यह कानूनी जांच-पड़ताल से होकर गुजरती हैं।

निष्कर्ष:

  • यह फैसला केवल एक कानूनी नहीं, बल्कि राजनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर बड़ा झटका है ट्रंप के लिए।
  • अब सुप्रीम कोर्ट का रुख निर्णायक होगा।
  • भारत सहित कई देशों की निगाहें अब 14 अक्टूबर के बाद आने वाले घटनाक्रम पर टिकी रहेंगी।