नई दिल्ली:- मध्य-पूर्व में तनाव बढ़ता जा रहा है, खासकर ईरान और इजरायल के बीच। लेबनान के उत्तरी शहर त्रिपोली में शनिवार तड़के इजरायल ने पहली बार हमला किया, जिसके बाद राजधानी बेरूत में भी भारी बमबारी हुई। हमले के दौरान फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर में हिजबुल्लाह का एक अधिकारी, उसकी पत्नी और दो बच्चे मारे गए।
हिजबुल्लाह ने दावा किया है कि इजरायली सैनिकों ने दक्षिणी लेबनान के ओदाइसेह क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की, जिसके चलते वहां झड़पें जारी हैं।इस घटना के बीच, ईरान ने इजरायल को कड़ी चेतावनी दी है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि अगर इजरायल ने उनके खिलाफ कोई कदम उठाया तो उनका जवाब पहले से भी ज़्यादा कड़ा होगा। वहीं, ईरान के तेल मंत्री मोहसेन पकनेजाद ने कहा कि वह इस बढ़ते क्षेत्रीय संघर्ष को लेकर चिंतित नहीं हैं, हालांकि खबरें यह भी हैं कि इजरायल ईरान पर हमला करने की योजना बना रहा है, जिससे ईरान को भारी नुकसान हो सकता है।
इजरायल-हिजबुल्लाह संघर्ष के चलते मध्य-पूर्व में अस्थिरता बढ़ी है, जिसका असर तेल की कीमतों पर भी पड़ रहा है। तेल की कीमतों में 6 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जबकि अमेरिका में एक गैलन गैस की औसत कीमत पिछले सप्ताह से 5 सेंट बढ़ गई है।इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि वह नहीं चाहते कि इजरायल ईरान के तेल उत्पादन संयंत्रों को निशाना बनाए। उन्होंने इजरायल को सुझाव दिया है कि वह अन्य विकल्पों पर भी विचार करे।
लेबनान सरकार के अनुसार, पिछले साल से अब तक 2,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें से अधिकतर मौतें पिछले दो हफ्तों के भीतर हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफ़न दुजारिक ने नागरिकों पर हो रहे इन हमलों को पूरी तरह अस्वीकार्य करार दिया है।मध्य-पूर्व में हालात तेजी से बदल रहे हैं, और आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस संघर्ष का वैश्विक स्तर पर क्या प्रभाव पड़ता है।