दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म: हिंदू धर्म और ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी समुदाय के बीच अद्भुत संबंध

हिंदू धर्म को दुनिया का सबसे प्राचीन और निरंतर जीवित धर्म माना जाता है। हज़ारों साल पहले, भारत सांस्कृतिक रूप से विश्व की सबसे प्रभावशाली भूमि थी, और इसने कई सभ्यताओं पर गहरा प्रभाव डाला। एक अद्भुत उदाहरण ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी समुदाय और भारत के तमिल हिंदुओं के बीच हाल ही में खोजे गए आश्चर्यजनक संबंध हैं।

तमिल और आदिवासी ऑस्ट्रेलियाई भाषा के बीच समानता

हाल के अध्ययनों ने यह साबित किया है कि ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी समुदाय की भाषा और तमिल भाषा के बीच अनेक शब्द समान हैं। यह समानता इस बात का संकेत देती है कि दोनों संस्कृतियों के बीच किसी समय गहरा संबंध रहा होगा। तमिल भाषा, जो कि भारत की प्राचीनतम भाषाओं में से एक है, और ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी समुदाय की भाषा के बीच इतने सारे शब्दों का मेल एक अत्यंत रोचक और ऐतिहासिक पहलू को उजागर करता है।

शिव नृत्य: एक रहस्यमयी अनुष्ठान

सबसे आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी समुदायों में एक रहस्यमयी अनुष्ठान प्रचलित है, जिसे “शिव नृत्य” कहा जाता है। इस नृत्य में आदिवासी लोग अपने शरीर पर सफेद रंग का लेप लगाकर नृत्य करते हैं, जो भारत में शिव भक्तों द्वारा किए जाने वाले अनुष्ठानों की याद दिलाता है। इस नृत्य के दौरान आदिवासी जनसमूह उसी तरह से अपने शरीर को सफेद रंग से रंगते हैं जैसे भारत में शैव भक्त (शिव के उपासक) करते हैं। यह अनुष्ठान इस बात का प्रमाण है कि दोनों संस्कृतियों में किसी समय गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान हुआ होगा।

पर्वतों का दिव्य महत्व

भारत में हिंदू धर्म के अनुयायी कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान मानते हैं, जो उन्हें दिव्यता का प्रतीक बनाता है। इसी प्रकार, ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी समुदायों में उलुरु पर्वत को उनके देवता का निवास स्थान माना जाता है। यह समानता बताती है कि दोनों सभ्यताओं में पर्वतों को दिव्य और पवित्र स्थान के रूप में मान्यता दी गई है।

निष्कर्ष

यह अद्भुत संबंध यह संकेत करता है कि भारतीय संस्कृति का प्रभाव केवल भारतीय उपमहाद्वीप तक ही सीमित नहीं था, बल्कि यह विश्व के विभिन्न कोनों तक फैला हुआ था। भारत की प्राचीनतम सभ्यता और धर्म ने न केवल भारतीय उपमहाद्वीप, बल्कि पूरे विश्व की संस्कृतियों को भी प्रभावित किया है। ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी समुदाय और भारत के तमिल हिंदुओं के बीच यह सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध एक गहन और समृद्ध इतिहास की ओर इशारा करता है, जिसे अब नए सिरे से समझा और खोजा जा रहा है।

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