रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को देश की अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्र के बढ़ते महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था की गाड़ी की ‘ड्राइविंग सीट’ पर निजी क्षेत्र बैठा हुआ है।
वह यहां एक सैनिक स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नए सैनिक स्कूल भी ‘पीपीपी’ मॉडल के तहत स्थापित किए जा रहे हैं। पीपीपी को उन्होंने ‘सार्वजनिक निजी भागीदारी’ के बजाय ‘निजी सार्वजनिक भागीदारी’ के रूप में परिभाषित किया, ताकि निजी क्षेत्र के महत्व पर जोर दिया जा सके।
उन्होंने कहा कि ‘आम तौर पर पीपीपी मॉडल को ‘सार्वजनिक निजी भागीदारी’ के रूप में देखा जाता है। लेकिन प्रधानमंत्री ने जिन 100 नए सैनिक स्कूल की स्थापना का लक्ष्य रखा है वह केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी से नहीं बल्कि नहीं ‘पीपीपी’ मॉडल यानी ‘निजी सार्वजनिक भागीदारी’ के आधार पर स्थापित और संचालित किये जा रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्र यानी कृषि और उससे जुड़ी हुई गतिविधियों की बात की जाए तो भारत का 50 प्रतिशत से ज्यादा कार्यबल उसमें काम करता है। अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा हिस्सा अपने आप में निजी क्षेत्र है। अर्थव्यवस्था के दोनों बाकी क्षेत्र यानी विनिर्माण व सेवा क्षेत्र में भी निजी क्षेत्र की भूमिका पहले से कहीं से अब ज्यादा हो गई है।’
सिंह ने कहा, ‘मेरे कहने का अर्थ यह है कि देश की अर्थव्यवस्था की जो गाड़ी है, उस गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर आज प्राइवेट सेक्टर बैठा हुआ है।’
सीकर रोड स्थित श्री भवानी निकेतन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी मौजूद थे।