नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसके तहत अमेजन टेक्नोलॉजीज इंक को लक्जरी लाइफस्टाइल ब्रांड बेवर्ली हिल्स पोलो क्लब के ट्रेडमार्क उल्लंघन के लिए क्षतिपूर्ति और लागत के रूप में लगभग 340 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था।
न्यायमूर्ति सी हरिशंकर और न्यायमूर्ति अजय दिगपॉल की पीठ ने यह फैसला एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनाया, जिसमें अमेजन टेक्नोलॉजीज को लाइफस्टाइल इक्विटीज को इस आधार पर 3.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर का हर्जाना देने का निर्देश दिया गया था कि उसने कंपनी के ‘बेवर्ली हिल्स पोलो क्लब’ ट्रेडमार्क का उल्लंघन किया है।
आदेश को चुनौती देने वाली अमेजन की मुख्य याचिका पर नौ अक्टूबर को सुनवाई होगी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा, ‘‘हमारे विचार से, यहां उल्लिखित दलीलें एक असाधारण मामला बनाती हैं, जिसमें अपीलकर्ता अमेजन टेक के लिए अपनी अपील को बनाए रखने के वास्ते अदालती आदेश में तय की गई राशि का कुछ हिस्सा जमा करने या सुरक्षित करने की आवश्यकता निर्धारित करना न्याय का पूर्ण उपहास होगा।’’
अदालत ने कहा कि एकल न्यायाधीश किसी विशिष्ट निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे थे और यह (आदेश) काफी हद तक सामान्यीकृत प्रकृति का था, जो ई-उल्लंघन की घटना पर केंद्रित था और यह दृष्टिकोण दर्शाता था कि अगर अमेजन टेक चाहे तो वह उल्लंघन कर सकता है, बजाय इसके कि उसने उल्लंघन किया।
पीठ ने कहा कि उसे लाइफस्टाइल के पंजीकृत ट्रेडमार्क के किसी भी उल्लंघन में अमेजन की संलिप्तता का प्रथम दृष्टया कोई ठोस आरोप नहीं मिला।
उसने कहा, ‘‘इसलिए, यह महज एक ऐसा मामला नहीं है, जिसमें विद्वान एकल न्यायाधीश की ओर से कथित उल्लंघनकारी गतिविधियों में संलिप्तता का कोई निष्कर्ष निकाले बिना अमेजन टेक के खिलाफ हर्जाना भरने का दिया गया है, बल्कि वास्तव में यह ऐसा मामला है, जिसमें ऐसी कोई दलील मौजूद नहीं है।’’
लाइफस्टाइल इक्विटीज ने 2020 में अमेजन टेक्नोलॉजीज और अन्य के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन का मुकदमा दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने अपने मंचों पर बेचे जाने वाले परिधान और अन्य उत्पादों पर भ्रामक रूप से समान चिह्न का इस्तेमाल करके कंपनी के पंजीकृत ‘बेवर्ली हिल्स पोलो क्लब’ लोगो/निशान का उल्लंघन किया है।