गाज़ा युद्धविराम के बाद ट्रंप का इज़राइल दौरा तय, कूटनीतिक हलचल तेज

गाज़ा पट्टी में लंबे समय से चल रहे संघर्ष में हाल ही में हुए युद्धविराम के बाद अब अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इज़राइल का दौरा करने वाले हैं। इस दौरे को पश्चिम एशिया में बदलते समीकरणों के बीच एक अहम राजनीतिक और कूटनीतिक कदम माना जा रहा है।

ट्रंप की यात्रा की आधिकारिक घोषणा इज़राइल और अमेरिका दोनों की ओर से हो चुकी है। माना जा रहा है कि वह अगले हफ्ते यरुशलम पहुंचेंगे और वहां प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू समेत कई शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे। चर्चा का केंद्र युद्धविराम के बाद की रणनीति, हमास के साथ भविष्य की स्थिति और अमेरिका-इज़राइल संबंधों की दिशा पर रहेगा।

गाज़ा में महीनों से जारी हिंसा के बीच इस हफ्ते एक बड़ी प्रगति देखने को मिली जब इज़राइल और हमास के बीच संघर्ष विराम लागू हुआ। अंतरराष्ट्रीय दबाव और मध्यस्थ देशों की पहल से यह समझौता हुआ। माना जा रहा है कि अमेरिका की भूमिका इसमें अहम रही, जिसने पर्दे के पीछे इज़राइल पर संयम बरतने और हमास पर दबाव बनाने का काम किया।

युद्धविराम के बाद ट्रंप का अचानक दौरा कई मायनों में संकेत देता है कि अमेरिका एक बार फिर क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ाना चाहता है। ट्रंप पहले भी अपने कार्यकाल में यरुशलम को इज़राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देकर चर्चा में आए थे। उस फैसले ने पश्चिम एशिया की राजनीति में बड़ा बदलाव लाया था और अब उनके फिर से क्षेत्र में कदम रखने को लेकर कई देश नज़र बनाए हुए हैं।

यरुशलम में ट्रंप की मुलाकात इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ सबसे अहम मानी जा रही है। दोनों नेताओं के बीच पहले से घनिष्ठ रिश्ते रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बार बातचीत में सुरक्षा, क्षेत्रीय स्थिरता और ईरान की भूमिका पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा गाज़ा पुनर्निर्माण में अमेरिकी समर्थन को लेकर भी बातचीत हो सकती है।

ट्रंप की यह यात्रा केवल कूटनीतिक ही नहीं, बल्कि राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। अमेरिकी चुनाव नज़दीक आने के बीच यह दौरा उनके समर्थकों को यह संदेश देने का प्रयास माना जा रहा है कि वह वैश्विक मामलों में प्रभावशाली भूमिका निभाने में सक्षम हैं। दूसरी ओर, यह बाइडन प्रशासन के लिए भी एक अप्रत्यक्ष चुनौती है, जो फिलहाल क्षेत्र में शांति बनाए रखने की कोशिश में लगा है।

गाज़ा संघर्ष के बाद शांति बहाली की दिशा में यह दौरा आने वाले समय में क्षेत्रीय राजनीति को किस दिशा में मोड़ता है, इस पर सबकी नज़र टिकी है। ट्रंप की बयानबाज़ी और इज़राइली नेतृत्व के साथ उनके पुराने समीकरण इस दौरे को और भी अहम बना रहे हैं।