पहला जत्था बालटाल के लिए रवाना
आज तड़के चार बजे 1,069 श्रद्धालुओं का पहला जत्था बालटाल के लिए रवाना हुआ। इसके ठीक 30 मिनट बाद, 812 श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था पहलगाम के लिए रवाना हुआ।
पवित्र यात्रा का शुभारंभ
पवित्र अमरनाथ यात्रा आज, 29 जून से शुरू हो चुकी है और 19 अगस्त को समाप्त होगी। भारी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था भी जम्मू से रवाना हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर सभी तीर्थयात्रियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। एक्स पर अपने पोस्ट में प्रधानमंत्री ने लिखा, “पवित्र अमरनाथ यात्रा के शुभारंभ पर सभी तीर्थयात्रियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। बाबा बर्फानी के दर्शन और वंदन से जुड़ी यह यात्रा शिवभक्तों में असीम ऊर्जा का संचार करने वाली होती है। उनकी कृपा से सभी श्रद्धालुओं का कल्याण हो, यही कामना है। जय बाबा बर्फानी!”
यात्रा के रूट और सुरक्षा व्यवस्था
52 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में श्रद्धालु 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम रूट या 14 किलोमीटर लंबे बालटाल रूट से यात्रा कर सकते हैं। पहलगाम मार्ग से जाने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग से जाने वाले लोग उसी दिन वापस लौट आते हैं।
अधिकारियों के अनुसार, 4,029 यात्रियों का दूसरा जत्था 200 वाहनों के दो सुरक्षा काफिलों में जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ। इनमें से 1,850 यात्री सुबह 4 बजे 104 वाहनों में बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुए, जबकि 2,179 यात्री 96 वाहनों में सवार होकर सुबह 4:30 बजे पहलगाम के नुनवान बेस कैंप के लिए रवाना हुए। दोनों काफिलों को सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
मंदिर का महत्व और सुरक्षा प्रबंध
यह मंदिर समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसमें बर्फ से बना एक शिवलिंग है, जिसे भक्त भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक मानते हैं। इस साल यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने और किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। दोनों आधार शिविरों और गुफा मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। दोनों मार्गों पर पारगमन शिविरों और गुफा मंदिर में 124 से ज्यादा लंगर लगाए गए हैं।
सेवाओं और व्यवस्थाओं में वृद्धि
इस साल यात्रा के दौरान 7,000 से ज्यादा स्वयंसेवक तीर्थयात्रियों की सेवा में जुटे हुए हैं। यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने 3 जुलाई से अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का फैसला किया है। दोनों मार्गों पर तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं।
पिछली यात्राओं की सफलता
पिछले साल 4.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा मंदिर में पूजा-अर्चना की थी, और इस साल भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। भक्तों के उत्साह और श्रद्धा के साथ, अमरनाथ यात्रा का यह संस्करण भी एक सफलता की ओर अग्रसर है।