इन दिनों एवरेस्ट मसाले विवादों में घिर गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने एवरेस्ट मसालों के कुछ नमूनों की जांच की, जिसमें एथिलीन ऑक्साइड (ईटीओ) की मात्रा मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई।
सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग ने एथिलीन ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण भारतीय मसाला ब्रांडों- एमडीएच और एवरेस्ट के उत्पादों को वापस किया था, इसी के मद्देनजर सरकार ने यह परीक्षण किया दोनों कंपनियों के नमूने परीक्षण के लिए भेजे। एमडीएच मसाले सभी 18 मानकों के अनुरूप पाए गए, जबकि एवरेस्ट के 12 में से कुछ नमूने मानकों के अनुरूप नहीं थे। कंपनी को सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं, हालांकि अभी तक एवरेस्ट की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
जानकारी के अनुसार, विभिन्न देश ईटीओ के लिए अलग-अलग अधिकतम अवशेष सीमा (एमआरएल) का पालन करते हैं। उदाहरण के लिए, यूरोपीय संघ ने इसकी सीमा 0.02-0.1 मिलीग्राम प्रति किलो तय की है, सिंगापुर ने 50 मिलीग्राम और जापान ने 0.01 मिलीग्राम प्रति किलो की सीमा निर्धारित की है। सरकार ने नमूनों का परीक्षण 0.1 मिलीग्राम प्रति किलो के आधार पर किया है। इस मानक के अनुसार, एवरेस्ट के कुछ नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे।
सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कंपनियां निर्देशों का सही अनुपालन करें ताकि भविष्य में ऐसे मामलों से बचा जा सके और उपभोक्ताओं को सुरक्षित उत्पाद मिल सकें। एवरेस्ट मसाले कंपनी को सुधारात्मक कदम उठाने के लिए कहा गया है और उनके जवाब का इंतजार किया जा रहा है।