त्रिपुरा के धलाई जिले में हिंसा: गोंडा ट्विसा में तनावपूर्ण स्थिति

घटना की जानकारी: त्रिपुरा के धलाई जिले में स्थित गोंडा ट्विसा में एक आदिवासी युवक की सामूहिक झड़प में मौत के बाद स्थिति अत्यंत तनावपूर्ण हो गई है। गोंडा ट्विसा के एसडीएम चंद्रजॉय रियांग ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई थी।

सरकारी कार्रवाई: एसडीएम चंद्रजॉय रियांग ने बताया कि बिगड़े हालात को काबू करने के लिए तुरंत सख्त कदम उठाए गए। क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। साथ ही जमीनी हकीकत का आकलन करने के लिए डीसीएम और तहसीलदारों की दो टीमें बनाई गई हैं। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि शांति बहाल की जा सके।

सुरक्षा उपाय: उन्होंने बताया कि एसपी और आईजी कानून व्यवस्था अतिरिक्त बल के साथ क्षेत्र में पहुंचे हैं और डीएमएन कलेक्टर भी जिला मुख्यालय से पूरी स्थिति पर निगरानी रख रहे हैं। सभी संवेदनशील जगहों पर बलों को तैनात किया गया है। एसडीएम ने कहा, “हम हालात को काबू में लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।”

जमीनी सर्वेक्षण: एसडीएम रियांग ने आगे बताया कि शुरुआती सर्वेक्षण किया गया है और नुकसान का आकलन करने के लिए डीसीएम और तहसीलदारों की दो टीमें बनाई गई हैं। ये दोनों टीमें अब जमीन पर सर्वेक्षण कर रही हैं और नुकसान का आकलन कर रही हैं। उनके पास नुकसान के आकलन की शुरुआती रिपोर्ट है।

आगजनी की घटना: गौरतलब है कि एक आदिवासी युवक की सामूहिक झड़प में मौत के बाद कई दुकानों को आग लगा दी गई थी और कई घरों को भी क्षतिग्रस्त किया गया। अधिकारियों ने इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी और शुक्रवार को हुई आगजनी और इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद होने के बाद गांव में अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। युवक की मौत के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

झड़प का विवरण: पुलिस सूत्रों के अनुसार, परमेश्वर रियांग अपने दोस्तों के साथ रथ यात्रा के मौके पर आयोजित एक मेले में शामिल होने के लिए गोंडा ट्विसा बाजार गया था। अचानक कुछ युवकों के दो समूहों के बीच झड़प हो गई थी, जिसमें रियांग गंभीर रूप से घायल हो गया था। शुरुआत में उसे गोंडा ट्विसा अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में हालत बिगड़ने पर जीबीपी अस्पाल में स्थानांतरित कर दिया गया। धलाई के एसपी अविनाश राय ने बताया कि युवक ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया।

निष्कर्ष: गोंडा ट्विसा में हुई हिंसा की घटना ने पूरे क्षेत्र में तनाव पैदा कर दिया है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और निषेधाज्ञा लागू करने से स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हैं और क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

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